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13 साल की उम्र में 1500 स्टूडेंट को पढ़ाती है गौरी: ‘राम’ लिख कर बना दिया था भगवान राम का चित्र

प्रतिभा छुपाए नहीं छुपती और दबाए नहीं दबती। इस बात को साबित कर दिया है अजमेर की गौरी महाश्वेरी ने। अपनी प्रतिभा का इन्होंने ऐसा जलवा दिखाया कि उन्हें इसी साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है। यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट पर गौरी की प्रतिभा की तारीफ करते हुए एक ट्वीट किया है।

दुनियाभर के लोग गौरी से सीखते हैं

महज 13 साल की गौरी माहेश्वरी कैलीग्राफी आर्ट में इतनी अच्छी हैं कि उनसे यह कला सीखने के लिए यूके और अमरिका सहित कई देशों के 1500 से अधिक स्टूडेंट्स क्लासेज लेते हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि कैलीग्राफी के एक टीचर ने गौरी को बच्चा समझकर कैलीग्राफी सिखाने से इनकार किया था, तब गौरी माहेश्वरी की उम्र महज 6 साल थी। लेकिन आज गौरी 6 साल से लेकर 60 साल की उम्र तक के स्टूडेंट को कैलीग्राफी का हुनर सिखा रही हैं।

गौरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें कलर पेन का शौक था। अलग-अलग रंग के पेन से हैंड राइटिंग बहुत पसंद थी। इस दौरान कैलीग्राफी के बारे में पता चला। रिसर्च किया तो बहुत सी जानकारियां मिली। धीरे-धीरे शब्दों के कई डिजाइन सीखें। इसके बाद से ही वह कैलीग्राफी कर रही हैं।

गौरी की डिजाइन विदेश में भी फेमस

गौरी ने पढ़ाई की शुरुआत जयपुर में की और वर्तमान में वह अजमेर के मशहूर मेयो गर्ल्स स्कूल में 7वीं कक्षा में पढ़ रही हैं। गौरी माहेश्वरी भारत ही नहीं देश- विदेश में अपनी कैलीग्राफी को लेकर मशहूर है। गौरी ने बताया कि उसे 150 से अधिक कैलीग्राफी की डिजाइन आती है। यहां तक कि गौरी ने खुद के भी कैलीग्राफी डिजाइन क्रिएट किए हैं। गौरी का मानना है कि कैलीग्राफी एक बार दिमाग में बैठ जाए तो कठिन नहीं लगती। कुछ फॉन्ट्स जरूर हार्ड होते हैं, लेकिन वे भी जल्द सीखने में आ जाते हैं।

कई देशों में गौरी के स्टूडेंट

गौरी ने बताया कि भारत ही नहीं यूएसए, यूके, लंदन, नाइजीरिया और जर्मनी में भी उनके कई स्टूडेंट हैं, जिनको वे ऑनलाइन क्लासेस देती हैं। उनकी ऑनलाइन क्लासेस में 6 से लेकर 65 साल तक के स्टूडेंट शामिल हैं। गौरी ने बताया कि अब तक वह 1500 से अधिक लोगों को कैलीग्राफी डिजाइन सीखा चुकी हैं

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम

गौरी माहेश्वरी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार सहित इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में यंगेस्ट कैलीग्राफी का खिताब हासिल कर चुकी हैं। इसके अलावा चाइल्ड फॉर जी सहित कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

मां ने टीचर से की रिक्वेस्ट

गौरी की मां मीनाक्षी ने बताया कि जब वह पहली बार अपनी बेटी को कैलीग्राफी की क्लास जॉइन करवाने के लिए इंस्टिट्यूट लेकर गई तो टीचर ने उसकी उम्र देख कर मना कर दिया था। टीचर से कई बार रिक्वेस्ट किया तब उन्होंने बेटी को जॉइन कराया। उनकी मां के मुताबिक वो अपनी जो भी अर्निंग होती है, उसमे सो वो सोशल वर्क में भी डोनेट करती है। इसके साथ ही विभिन्न संस्थाओं में कैलीग्राफी फ्री सिखाती है। राम मंदिर निर्माण के दौरान गौरी ने राम-नाम लिखकर कैलीग्राफी डिजाइन से भगवान राम की तस्वीर बनाई थी। जिसे जयपुर के सांसद रामचरण बोहरा को भेंट किया था। अब गौरी खुद अब अपना ऐप डिजाइन कराना चाहती हैं।

PM मोदी ने की तारीफ

गौरी के पिता गौरव माहेश्वरी ने बताया कि वे बेटी की काबिलियत से काफी खुश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई नेताओं और सीएम कार्यालय से ट्वीट कर उनकी बेटी को शुभकामनाएं दी जा रही हैं।

क्या है कैलीग्राफी?

कैलीग्राफी शादी के कार्ड, हाथ की बनी प्रेजेंटेशन, मेमोरियल डाक्यूमेंट, सर्टिफिकेट, निमंत्रण-पत्र, बिजनेस कार्ड पोस्टर, ग्रीटिंग कार्ड, बुक कवर, लोगो, लीगल डॉक्यूमेंट बनाने, सिरेमिक और मार्बल पर शब्दों को उकेरने सहित अन्य काम में प्रयोग की जाती है।

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