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लकड़ी जला चूल्हे पर खाना पकाती दिखी रामायण की सीता, लोग बोले- दोबारा वनवास पर लौट आई माते?

देश में कोरोना की तीसरी लहर कभी भी दस्तक दे सकती है। हालांकि इस बार पिछली बार जैसा कोई लॉकडाउन शायद ही लगेगा। 2020 में कोरोना महामारी के चलते काफी लंबा लॉकडाउन लगा था। लोग अपने घरों में कैद होकर बोर हो रहे थे। ऐसे में टीवी पर रामायण (Ramayan) सीरियल का प्रसारण किया गया था।

रामायण की सीता ने चूल्हे पर पकाया खाना

रामायण के पुनः प्रसारण के बाद इसमें काम करने वाले सभी कलाकार फिर से लाइमलाइट में आ गए थे। रामायण में सीता का रोल करने वाली दीपिका चिखलिया (Dipika Chikhlia) की बात करें तो उन्हें सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रियता मिली थी। इन दिनों दीपिका का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह चूल्हे पर खाना बनाती दिख रही हैं।

लोग बोले- वनवास लौट आई क्या?

रामायण की सीता यानि दीपिका चिखलिया को यूं लकड़ी के लट्ठों पर खाना बनाता देख लोगों को उनके रामायण वाले दिन याद आ गए। एक यूजर ने कहा “सीता जी वनवास काल में भी ऐसे ही खाना बनाती थी।

” फिर दूसरे ने लिखा “क्या सीता माता फिर से वनवास लौट गई?” वहीं एक कमेंट आया “ये देख रामायण का वह सीन याद आ गया जिसमें आप लव कुश के साथ जंगल से लकड़ियां लाकर खाना बना रही होती हैं।”

देखें वीडियो

 

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35 साल की हुई टीवी की रामायण

रामायण का का पहली बार प्रसारण 25 जनवरी 1987 को शुरू हुआ था। यह जुलाई 1988 तक टीवी पर प्रसारित हुआ था। बीते मंगलवार रामायण के फर्स्ट टेलिकास्ट को 35 साल पूरे हुए। इस मौके पर दीपिका ने अपने ट्विटर अकाउंट पर रामायण का पोस्टर साझा किया।

दीपिका ने लिखा “आज (25 जनवरी) रामायण का पहला प्रसारण था। ऐसा लगता है जैसे ये कल की ही बात हो। मुझे याद है मैंने इसे पापाजी के घर देखा था। कमरे में तब खड़े रहने की भी जगह नहीं थी। तब इतिहास रचा गया था।”

हद से ज्यादा थी लोकप्रियता

रामायण जब टीवी पर आता था तो सड़कों पर सन्नाटा होता था। लोग टीवी के सामने चिपके रहते थे। तब टीवी कम हुआ करती थी तो लोग एक दूसरे के घर जाकर इसे देखते थे। कइयों ने तो रामायण के चक्कर में नई टीवी भी ले ली थी। दीपिका को सीता का रोल 25 आर्टिस्टों को हराकर मिला था। इस शो के बाद लोग उनकी पूजा तक करने लगे थे।

उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें अपने घर दावत पर बुलाया था। दीपिका ने रामायण के अलावा और भी कई फिल्मों एवं सीरियल में काम किया लेकिन वह अपनी माता सीता की इमेज से बाहर नहीं निकल सकी।

उन्हें हम ‘भगवान दादा’ (1986), ‘रात के अंधेर में’ (1987), ‘खुदाई’ (1994), ‘सुन मेरी लैला’ (1985), ‘चीख’ (1986), ‘आशा ओ भालोबाशा’ (बंगाली, 1989) और ‘नांगल’ (तमिल, 1992) जैसी फिल्मों में देख चुके हैं। इनमें अधिकतर फिल्में बी-ग्रेड थी। 2017 में दीपिका ने गुजराती सीरियल ‘छुटा छेड़ा’ से छोटे पर्दे पर वापसी की थी।

दीपिका जल्द ही रमानंद सागर के बेटे प्रेम सागर के शो ‘जय माता वैष्णव देवी की’ में भी नजर आएंगी।

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