अध्यात्मविशेष

भीषण सर्दी में ठंडी जलधारा में कर रहे तपस्या: कोरोना महामारी से बचाएगा साधु बाबा का कठोर तप

भारत को योगियों, मुनियों और साधु-संतों का देश कहा जाता है। यहां के संतों की यही वाणी है कि- “लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु” यानि पूरे संसार के समस्त प्राणी सुखी रहें। ऐसी मान्यता है कि हिमालय और दूसरे दुर्गम स्थानों पर बड़ी संख्या में साधु-संत तपस्या में लीन है और उनकी तपस्या के फल की वजह से प्राणियों पर आने वाले बहुत से संकट टल जाते हैं।

कुछ साधु-संत समाज के बीच में रहकर भी अपनी तपस्या करते हैं। आज हम आपको एक साधु बाबा के बारे में बताएंगे जो कोरोना महामारी से दुनिया को बचाने के लिए कठोर तप कर रहे है।

भीषण ठंड में ठंडी जलधारा के बीच तप

दिल्ली के अकबरपुर माजरा मोड़ पर बने एक मंदिर में एक संत आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं। ये साधु बाबा कपां देने देने वाली भीषण सर्दी में ठंडी जलधारा के बीच कठोर तप कर रहे हैं।

इस विषेष तपस्या की वजह पर बाबा का कहना है कि वो मानवता की भलाई और कोरोना से मुक्ति के लिए कठोर तप कर रहे हैं। ये साधु बाबा नाथ पंथ से संबंध रखते हैं, इनका नाम अनिल नाथ हैं। बाबा अनिल नाथ का कहना है कि जितनी कठोर तपस्या होगी फल की प्राप्ति भी उतनी जल्दी मिलेगी।

इसी वजह से वह शीत ऋतु में ठंडी जलधारा के बीच लगातार अपनी कठोर तपस्या कर रहे हैं। बाबा अनिल नाथ की इस कठोर तपस्या में स्थानीय लोग और गांववाले भी पूरा योगदान दे रहे हैं।

41 दिन तक चलेगा कठोर तप

प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबा अनिल नाथ 41 दिनों तक अपनी इस कठोर तपस्या को जारी रखेंगे और ठंडी जलधारा के बीच तप करेंगे। लोगों के लिए ठंड के मौसम में ऐसी तपस्या हैरान करने वाली है।

जो भी उनकी साधना के बारे में सुन रहा है वो यहां बाबा के दर्शनों के लिए पहुंच रहा है। साधु बाबा को देखने और उनका दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भी लोग आ रहे है। सोशल मीडिया पर बाबा अनिल नाथ की कठोर तपस्या की काफी चर्चा हो रही है।

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