बॉलीवुड

मीना कुमारी से उनका सौतेला बेटा करना चाहता था शादी, पिता के सामने ही कर दिया था प्रोपोज़

सामान्यतः जब हम हिंदू धर्म की बात करते हैं। फिर इस धर्म में शादी-ब्याह को लेकर कुछ स्पष्ट रीति-रिवाज और मान्यताएं हैं। जिन्हें दरकिनार करके शादी नहीं रचाई जा सकती है, लेकिन वहीं मुस्लिम समाज में इसको लेकर इतनी सख़्ती नहीं। हां उनमें एक ही परिवार में भी कुछ मामलों में शादी हो जाती है, जैसे दूर के भाई-बहन या फिर फुफेरी और चचेरी बहन आदि से शादी हो जाती है।

Meena-Kumari

अब आप सोचें कि आख़िर हम इस स्टोरी की भूमिका ऐसे शब्दों के जरिए क्यों बना रहे। तो चलिए मुद्दे की बात पर आते हैं। गौरतलब हो कि मीना कुमारी को तो आप सभी लोग जानते ही होंगे। जी हां वही मीना कुमारी, जो एक समय बॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री में काफी फेमस रही। जिनकी अदायगी का जादू ऐसा था कि जिसके दीवाने सिर्फ दर्शक और उनके फैंस ही नहीं थे, बल्कि फ़िल्म के अभिनेता भी उनपर जान न्यौछावर करने को तैयार रहते थे।

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ऐसे में मालूम हो कि मीना कुमारी ने अपने समय में हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में काफ़ी नाम कमाया। वहीं जब हम बात उनके फ़िल्मी करियर की करेंगे तो पाएंगे कि उनका हिंदी सिनेमा का करियर ‘बच्चों का खेल’ फ़िल्म से शुरू हुआ था। जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक शानदार फिल्में की। जिनमें ‘बैजू बावरा’, ‘पाकीजा’, ‘साहेब बीवी और गुलाम’ और ‘फूल और पत्थर’ शामिल है। वहीं बता दें कि मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त, 1933 को हुआ था और उनका असली नाम ‘महजबीं बानो’ था और उन्हें खासकर दुखांत फ़िल्मों के लिए याद किया जाता है।

बता दें कि मीना कुमारी को भारतीय सिनेमा की ‘ट्रैजेडी क्वीन’ भी कहा जाता है और अभिनेत्री होने के साथ-साथ मीना कुमारी एक उम्दा शायारा एवम् पार्श्वगायिका भी थीं। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 1939 से 1972 तक फ़िल्मी पर्दे पर काम किया। वहीं अब चर्चा उसकी, जिसके लिए हमने शुरुआत में एक लंबी चौड़ी भूमिका बांधी।

जी हां वैसे तो मीना कुमारी ने साल 1952 में फिल्म मेकर कमल अमरोही से शादी की थी और वो कमल अमरोही की दूसरी पत्नी थीं, लेकिन क्या आपको पता है कि मीना कुमारी को उनके बेटे ने भी एक बार प्रपोज किया था और उनसे शादी करना चाहता था? नहीं जानते तो चलिए हम बताते हैं।

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गौरतलब हो कि भले मीना ने कमल अमरोही की दूसरी पत्नी बनना स्वीकार किया था। लेकिन एक दिन होता कुछ यूं है कि उनके अंदाज और खूबसूरती पर उनका सौतेला बेटा ही फिदा हो जाता है। जी हां उनके इस सौतेले बेटे का नाम ताजदार अमरोही है ऑड उसने एक दिन अपनी सौतेली मां को ही प्रपोज कर दिया था। वहीं बता दें कि यह किस्सा कोई हवा-हवाई बात नहीं बल्कि एक सच्चाई है और इस सच्चाई को बयां करने वाले भी कोई दूसरे नहीं बल्कि मीना कुमारी के सौतेले बेटे ताज अमरोही हैं।

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मालूम हो कि उन्होंने एक बार पिंकविला को दिए अपने इंटरव्यू में इस बात को कबूल किया था। बता दें कि ताजदार अमरोही ने बताया था कि, “उनकी दूसरी मां यानी मीना कुमारी ने कभी भी कमल अमरोही पर अपने पहले परिवार को छोड़ने का दबाव नहीं बनाया था और वह उन्हें छोटी अम्मी कहकर पुकारा करते थे।”

इतना ही नहीं उन्होंने मीना कुमारी से जुड़े एक मजेदार किस्से को साझा करते हुए कहा था कि, “छोटी अम्मी (मीना कुमारी) को किमाम के साथ पान खाना खूब पसंद था और जब वह हंसती थीं तो बहुत ही प्यारी लगती थीं। वहीं एक बार बच्चे के तौर पर मैंने उनसे बहुत ही मासूमियत से कहा, ‘छोटी अम्मी, काश मैं इतना छोटा नहीं होता। फिर मैं आपसे शादी कर लेता।

” वहीं मालूम हो कि ताजदार अमरोही ने इस बात पर अपने पिता की प्रतिक्रिया को भी उस साक्षात्कार के दौरान साझा किया था और उन्होंने अपने पिता कमल अमरोही की प्रतिक्रिया के बारे में बात करते हुए बताया था कि, “मेरी बातें सुनकर बाबा अपनी मुस्कान नहीं रोक पा रहे थे।”

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वहीं इस इंटरव्यू की एक दिलचस्प बात बता दें कि इस दौरान बातचीत में ताजदार ने यह खुलासा भी किया था कि भले मीना कुमारी उनकी दूसरी यानी सौतेली मां थी, लेकिन फिर भी उन्होंने कभी परिवार को तोड़ने की बात नहीं की। इतना ही नहीं इसी साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि, “छोटी अम्मी ने कभी भी बाबा को हमसे दूर नहीं किया। उन्होंने हमें छोड़ने के लिए नहीं कहा। वह मेरी मां का सम्मान करती थीं।”

वहीं आख़िर में बता दें कि भले ही मीना कुमारी और कमल अमरोही की शादीशुदा जिंदगी दूसरी शादी होने के बाद भी सकुशल चल रही थी, लेकिन एक वक्त आया जब दोनों अलग हो गए और यह साल था 1964 का, जब दोनों ने तलाक ले लिया। वहीं कमल अमरोही से शादी टूटने के बाद भी मीना कुमारी फिल्मी दुनिया मे सक्रिय रही और फ़िल्म पाक़ीज़ा के रिलीज़ होने के तीन हफ़्ते बाद मीना कुमारी की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद 28 मार्च 1972 को उन्हें बम्बई के सेंट एलिज़ाबेथ अस्पताल में दाखिल करवाया गया। इसके बाद आखिरकार 31 मार्च 1972 को महज़ 38 वर्ष की आयु में मीना कुमारी ने अंतिम सांस ली।

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