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माचिस की डिब्बी में आराम से पैक हो जाती है ये साड़ी, तेलंगाना के बुनकर ने किया ये कमाल

आपने अभी तक पश्मीना (गर्म और नर्म कपड़ा) के बारे में तो कई बार सुना होगा. इस कपड़े को दुकानदार अंगूठी के बीच में से भी निकाल कर दिखाते है. भले ही पश्मीना अंगूठी के बीच में से निकल जाता हो. लेकिन क्या यह एक माचिस की डब्बी में पैक किया जा सकता है.

आप अपने दिमाग पर जोर डालकर सोचिये जरा अगर पशमीना माचिस की डिब्बी में नहीं आ सकता, तो साड़ी उसमें कैसे पैक की जा सकती है. मगर तेलंगाना के एक हैंडलूम (हथकरघा) बुनकर ने इसको मुमकिन कर दिखाया है.

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हाँ शायद आपको सुनने में इस पर यकीन न हो. लेकिन उस कारीगर ने एक ऐसी ही साडी तैयार की है. जो माचिस की डिब्बी में आराम से समा जाती है. अब सोशल मीडिया पर भी तेज़ी से इस साडी की तस्वीरें वायरल होने लगी है. इसके साथ ही लोग बुनकर के काम की भी तारीफ़ कर रहे है.

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बुनकर ने बताया इस साड़ी को तैयार करने में लगते हैं 6 दिन

आपको बता दें कि, इस बेहतरीन कार्य को अंजाम देने वाले बुनकर का नाम नाल्ला विजय है, जोकि राजन्ना सिरसिल्ला जिले का रहने वाला है.

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विजय ने बताया कि उन्हें इस तरह की साड़ी तैयार करने में लगभग 6 दिन लगते हैं. उन्होंने हाल ही में हैदराबाद में मंत्री एराबेली दयाकर राव, सबिता इंद्रारेड्डी और वी श्रीनिवास गौड़ के साथ-साथ केटी रामा राव की मौजूदगी में अपनी इस रचना को शोकेस किया. एक न्यूज़ के मुताबिक विजय ने मंगलवार को अपनी यह स्पेशल बनाई गई साड़ी मंत्री सबिता इंद्रारेड्डी को उपहार स्वरुप दी है.

ये रखी गई है इस स्पेशल साड़ी की कीमत
नाल्ला विजय के मुताबिक अगर साड़ी तैयार करने में मशीन का इस्तेमाल किया जाए तो इस काम को दो दिन में भी पूरा किया जा सकता है. बता दें, पारंपरिक करघे पर बुने जाने पर इसकी कीमत ₹12,000 है. वहीं मशीन पर तैयार किए जाने पर साड़ी की कीमत ₹8,000 आती है.

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सोशल मीडिया पर मिल रहा है गजब का सपोर्ट
गौरतलब है कि 11 जनवरी को शेयर किए जाने के बाद से ही इस पोस्ट को करीब 700 लाइक्स मिल चुके हैं और कई सपोर्टिव कमेंट्स भी आने शुरू हुए है. अब ऐसे में लोग बुनकर नल्ला विजय की जमकर तारीफ कर रहे हैं. एक ट्विटर यूजर ने पोस्ट किया, “महान प्रतिभा,” वहीं दूसरे ने लिखा, “नमस्कार भाई,” एक अन्य यूजर ने लिखा, “विजय, आशा है कि आपके सपने पूरे हों!” वहीं, चौथे ने भी लिखा, “महान प्रयास.”

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