बॉलीवुड

40 की उम्र में डेब्यू, बॉलीवुड के सबसे महंगे और खूंखार विलेन, कुछ ऐसा था अमरीश पूरी का जलवा

जब भी हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे मशहूर और बेहतरीन खलनायकों की बात होती है तो जेहन में सबसे पहले जो चेहरा उभरता है और हाथ की पहली ऊंगली पर जो पहला नाम आता है वो होता है दिवंगत अमरीश पुरी साहब का. लंबी-चौड़ी कद काठी, रौबदार आवाज, डायलॉग बोलने का अनोखा अंदाज इन सभी ने अमरीश पुरी को ख़ूब शोहरत दिलाई.

amrish puri

अमरीश पुरी साहब जैसा खलनायक हिंदी सिनेमा के इतिहास में कभी नहीं हुआ. लोग उनकी रौबदार आवाज तक सुनकर डर जाया करते थे. एक से बढ़कर एक फ़िल्मों में काम करने वाले अमरीश पुरी का जन्म 22 जनवरी 1932 को पंजाब के नवांशहर में हुआ था.

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अमरीश पुरी अपने करोड़ों चाहने वालों को आज ही के दिन (12 जनवरी) को साल 2005 में रोता हुआ छोड़कर चले गए थे. इस महान शख़्सियत की 12 जनवरी को 17वीं पुण्यतिथि है. बता दें कि 17 साल पहले उनका ब्रेन हेमरेज के चलते मुंबई में निधन हो गया था.
आइए आज इस अवसर पर आपको उनसे जुडी कुछ ख़ास बातों के बारे में बताते हैं.

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अमरीश पुरी ने अपने फ़िल्मी करियर का आगाज बहुत देर से किया था. जब वे 40 साल के थे तब उन्होंने हिंदी सिनेमा में काम करना शुरू किया था. इससे पहले वे रंगमंच से भी जुड़े रहे. बता दें कि मदन पुरी अमरीश पुरी के बड़े भाई थे. बॉलीवुड में आने से पहले अमरीश पुरी ने 20 साल तक सरकारी नौकरी की थी.

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हिंदी सिनेमा में काम करने के लिए अमरीश साहब ने अपनी सरकारी नौकरी भी छोड़ दी थी. उनके फ़िल्मी करियर का आगाज साल 1971 में हुआ था. अमरीश पुरे की पहली फिल्म थी रेशमा और शेरा. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, वहीदा रहमान, सुनील दत्त, विनोद खन्ना, राखी गुलजार आदि ने भी काम किया था.

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अमरीश पुरी विलेन के रूप में अपने दौर में सबसे अधिक पसंद किए जाते थे. बहुत जल्द ही वे बॉलीवुड में अपने काम का
लोहा मनवाने में सफ़ल रहे थे और निगेटिव किरदार निभाने के बावजूद उन्होंने एक बड़ा नाम कमाया है. अमरीश पुरी की मांग इतनी रहती थी कि उन्हें मुंह मांगी फीस दी जाती थी.

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कई बार तो पुरी साहब फिल्म के हीरो से भी अधिक फीस लेते थे. अमरीश पुरी अपने दौर में बॉलीवुड के सबसे महंगे खलनायक रहे हैं. बता दें कि उन्हें एक समय एक फिल्म के लिए एक करोड़ रूपये तक दिए जाते थे. अपने बेहतरीन फ़िल्मी करियर में इस दिग्गज़ कलाकार ने 400 से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया था.

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अमरीश पुरी द्वारा बड़े पर्दे पर निभाए जाने वाले बेहतरीन किरदारों की बात करें तो यह कोई एक-दो नहीं है. बल्कि उनके ढेरों किरदार आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है. हालांकि ‘मोगैम्बो’ के किरदार ने उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता दिलाई.

साल 1987 में आई अनिल कपूर और श्रीदेवी की मुख़्य भूमिका वाली फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में उन्होंने यह रोल अदा किया था. उनका इस फिल्म में बोला गया डायलॉग ‘मोगैम्बो खुश हुआ’ आज भी ख़ूब चर्चित है.

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ऑडिशन में हो गए थे रिजेक्ट…

बड़े भाई मदन पुरी के कहने पर अमरीश मुंबई आए थे और उन्होंने इसके बाद फ़िल्मों में काम करने के लिए ऑडिशन दिया था. हालांकि हैरानी की बात है कि उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था.

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अमरीश पुरी की बेहतरीन फ़िल्मों की फेहरिस्त भी बेहद लंबी है. उन्होंने अपने करीब 35 साल के फ़िल्मी करियर में ढेरों हिट फ़िल्में दी. उनकी सबसे पसंदीदा फ़िल्मों में राम लखन, सौदागर, करण अर्जुन, कोयला, ग़दर, मिस्टर इंडिया, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, परदेस, दामिनी, बादल, एतराज, गैर, फूल और कांटे, घायल, घातक, हीरो, नगीना, ताल, त्रिदेव, विधाता, आक्रोश, अर्द्धसत्य, अजूबा आदि शामिल है.

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निजी जीवन की बात करें तो अमरीश ने साल 1957 में उर्मिला दिवेकर से शादी की थी. दोनों के दो बच्चे एक बेटा राजीव पुरी और एक बेटी नम्रता पुरी है.

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