बाबा कालभैरव ने पहली बार पहनी पुलिस की वर्दी, लोग बोलें सभी की शिक़ायत सुनेंगे काशी के कोतवाल…
पहली बार पुलिस की वर्दी पहने नज़र आए 'काशी के कोतवाल', बाबा काल भैरव को देखने के लिए लगा भक्तों का तांता...
वाराणसी (यूपी)! भारत भूमि एक पवित्र भूमि है। जिसके कण-कण में शंकर के बसे होने की बात कही जाती है। वहीं काशी का क्या सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व? यह तो शायद ही कोई बताने वाली बात। इसके महात्म्य से तो सभी रूबरू हैं और इसी धार्मिक नगरी वाराणसी में ‘काशी के कोतवाल’ निवास करते हैं और वाराणसी (Varanasi) में ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जिले से बाहर जाने से पहले
और वापस आने के बाद दरबार में हाजिरी लगाने से सभी की मनोकामना पूर्ण होती है, इसीलिए उन्हें काशी का कोतवाल (Kashi ke Kotwal) भी कहा जाता है। वहीं आम तौर पर हर रविवार को वाराणसी स्थित काल भैरव मंदिर (Baba Kaal Bhairav Temple Varanasi)
में श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारें देखने को मिलती है, लेकिन मालूम हो कि इस रविवार को उनके नए अवतार की जानकारी मिली तो दर्शनार्थियों की संख्या और बढ़ गई। आइए ऐसे में देखते हैं काशी के कोतवाल की अद्भुत छवि और जानते हैं इसी से जुड़ी बातें…
बता दें कि वाराणसी में पहली बार काशी के कोतवाल (kotwal of kashi) कहे जाने वाले बाबा काल भैरव (baba kaal bhairav) ने पुलिस की वर्दी पहनी है और भैरव बाबा सिर पर एक पुलिस की टोपी, छाती पर एक बिल्ला, बाएं हाथ में एक चांदी का डंडा और दाहिने हाथ में एक रजिस्टर लिए बिल्कुल कोतवाल जैसे लग रहे हैं।
वहीं काल भैरव के नए ‘रूप’ की खबर फैलते ही मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और भक्त बाबा के दर्शन के लिए लगातार पहुंच रहे हैं।
इसके अलावा बता दें कि भक्तों का मानना है कि, “अगर बाबा रजिस्टर और कलम के साथ बैठे हैं, तो किसी की शिकायत अनसुनी नहीं होगी।” इसके अलावा दर्शनार्थियों का कहना है कि वह महामारी संकट का भी ध्यान रखेंगे।
इसके अलावा बता दें कि बाबा काल भैरव मंदिर के महंत अनिल दुबे ने कहा कि, “पहली बार भगवान काल भैरव को पुलिस की वर्दी पहनाई गई है और इस कारण से श्रद्धालुओं में भी भगवान काल भैरव को इस रूप में देखने को लेकर उत्सुकता है।”
इतना ही नहीं महंत अनिल दुबे ने बताया कि देश की जनता को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए वाराणसी के ख्यात काल भैरव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई है और बाबा से सभी पर दया करने की प्रार्थना की गई है, ताकि प्रदेश और देश में सुख-समृद्धि बनी रहे साथ ही साथ लोग स्वस्थ रहें और किसी को भी किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव का ये अद्भुत श्रृंगार देखिए…
बाबा को कोतवाल के आभूषण पहनाए गए हैं…
जय बाबा काल भैरव 🙏
हर – हर महादेव 🙏#Kashi #KaalBhairav pic.twitter.com/Sqs3YzbaoM— स्वाति सीमा (@patrakarswati) January 8, 2022