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सावधान! ओमिक्रॉन को लेकर विदेशी वैज्ञानिक ने किया यह दावा, भारत को लेकर कही ये बात…

डराने वाले हैं ओमिक्रॉन के बढ़ते हुए आंकड़े। जानिए इसको लेकर क्या कहते हैं विदेशी वैज्ञानिक...

नए साल के पहले महीने में हमने दस्तक भले दे दी है, लेकिन मुसीबतें हमारी और आपकी इस नए साल में भी कम नहीं होने जा रही। जी हां 2021 में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने किस तरह से मानव जाति को वैश्विक स्तर पर छकाया। उससे अनभिज्ञ कोई नहीं और अब साल की शुरुआत से पहले ही इस बार ओमिक्रॉन ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर सभी की चिंताएं बढ़ा दी है।

बता दें कि पूरे देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बीते साल की तरह ही तेजी से बढ़ रहे हैं और ओमिक्रॉन (Omicron) भी कई राज्यों में अपनी दस्तक दे चुका है। ऐसे में ओमिक्रॉन और भारत को लेकर चिंताजनक खबरें निकलकर बाहर आ रही है।

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वहीं इसी बीच कोरोना को लेकर पहले भी भारत को अलर्ट कर चुके कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) से जुड़े जज बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर पॉल कट्टूमन (Professor Paul Kattuman) ने कहा है कि भारत का एक भी राज्य और कोना इस ओमिक्रॉन की लहर की चपेट में आने से नहीं बचेगा। ऐसे में कुल-मिलाकर देखें तो कहीं न कहीं यह हमारे लिए एक संकेत हैं। आइए ऐसे में जानते हैं पूरी ख़बर विस्तार से…

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मालूम हो कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ब्रिटेन (UK) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च की ओर से विकसित इंडिया Covid-19 ट्रैकर की ताजा रिपोर्ट से यह बात निकलकर सामने आ रही है कि हमारे देश में नए मामलों की बढ़ोतरी की दर काफी है और 15 राज्यों में यह चिंता का विषय है। वहीं एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि, “कोरोना की तीसरी लहर तो आ रही है लेकिन इस बात की संभावनाएं बेहद कम हैं कि लोगों को अस्पताल और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरुरत पड़ेगी।” इतना ही नहीं डॉ गुलेरिया ने कहा कि हमें पिछली बार की गलतियां दोहरानी नहीं चाहिए और सतर्क रहना होगा।”

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साल के आखिरी और 2022 की शुरुआत में मिल रहे तेजी से ने केस…

वहीं जानकारी के लिए बता दें कि इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 29 दिसंबर तक बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 1.2 फीसदी से अधिक हो गई है। इतना ही नहीं पॉल कट्टूमन और उनकी रिसर्च टीम पूरे भारत की संक्रमण की तेज रफ्तार देख रही है और उनका कहना है कि 25 दिसंबर के पहले ग्रोथ रिपोर्ट निगेटिव थी लेकिन 29 दिसंबर आते-आते यह काफी आगे पहुंच गई है और जो चिंता की लकीरें खींचने वाली है।

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वहीं एक मीडिया ग्रुप को दिए अपने इंटरव्यू में प्रोफेसर पॉल कट्टूमन ने कहा कि, “डेटा पैटर्न से पता चलता है कि भारत में कोरोना के मामले तेज गति से बढ़ रहे हैं और इस ग्राफ के जरिए प्रोफेसर कट्टूमन और उनकी टीम ने ब्रिटेन (UK) के मामलों पर भी नजर डालते हुए तुलना की है।” गौरतलब हो कि प्रोफेसर ने बताया कि कैसे ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की सरकार ने महामारी के खतरे को दूर करने के लिए पहले से ज्यादा मुस्तैदी दिखाई है।

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इतना ही नहीं प्रोफेसर ने बताया कि मेरे सहयोगी स्टीफन स्कोल्ट्स, स्वास्थ्य प्रबंधन के प्रोफेसर की ओर से जज बिजनेस स्कूल में एक छोटी सी टीम ने कोरोना महामारी को लेकर काम करना शुरू किया। वहीं इसको अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया। जिसमें सबसे पहले अस्पताल में प्रवेश, दूसरा वेंटिलेटर की मांग और तीसरा मौत के आंकड़े को रिसर्च के दौरान ध्यान में रखा गया और इसका मकसद था कि खतरे को देखते हुए भविष्य के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को सक्रिय रूप से तैयार किया जा सके।

डराने वाले हैं राजधानी के ये आंकड़े…

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वहीं मालूम हो कि राजधानी दिल्ली में जिस हिसाब से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वे डराने वाले हैं। गौरतलब हो कि बीते 24 घंटे में राजधानी में 2716 नए मामले सामने आए हैं और ये नए कोरोना केस 7 महीने में सबसे ज्यादा हैं। ऐसे में देश और दिल्ली के लिए चिंता अब बढ़ती दिख रही है। मालूम हो कि दिल्ली में इससे पहले 21 मई, 2020 को 3009 केस मिले थे।

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