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अगर Cash में करते हो यह 5 काम तो हो जाओ अलर्ट, बड़ी नुकसान होने की खबर

आईटीआर भरने के लिए अब चंद दिन ही शेष रह गए हैं. इस कार्य को समय रहते निपटा लें नहीं तो बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा. बता दें कि आपके लिये 31 दिसंबर आईटीआर भरने की आखिरी तारीख है. इस तारीख के आगे बढ़ने का इंतजार न करें क्‍योंकि सरकार इसे पहले ही बढ़ा चुकी है. अब आसार कम हैं कि इसे और आगे बढ़ाया जाएगा. अगर आप समय से आईटीआर भरने से चूक गए तो आपको इनकम टैक्स के नियम 234 F के तहत लेट फीस देनी पड़ेगी ।

इनकम टैक्स विभाग आजकल काफी सख्त हो चुका है और कई तरह के ट्रांजेक्शन्स पर अपनी नजर बनाए रखता है. इसी कड़ी में कैश ट्रांजेक्शन की लिमिट को लेकर ऐसी जानकारी है जिसे आपको जानना चाहिए वर्ना आपको भी इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आ सकता है. आपसे ये जानकारी मांगी जा सकती है कि आपने ज्यादा बड़ी रकम के कैश ट्रांजेक्शन कैसे किए. यहां आपको इसके बारे में बताया जा रहा है जिससे आप भी सतर्क रहें

1. सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा कैश में जमा करने पर

आपके सेविंग अकाउंट या बचत खाते में एक साल में 10 लाख रुपये ही कैश में जमा कराएं ताकि आपका खाता आयकर विभाग की नजरों में ना आए. अगर आप 1 साल में सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से ज्यादा रकम कैश में जमा करते हैं तो इसके चलते आप इनकम टैक्स विभाग की नजर में आ सकते हैं. बता दें कि करेंट अकाउंट के लिए ये लिमिट 50 लाख रुपये की है.

2. क्रेडिट कार्ड के बिल का पेमेंट

अगर आप एक साल में 10 लाख रुपये या इससे ज्यादा रकम क्रेडिट कार्ड के बिल के पेमेंट के रूप में जमा करते हैं तो आपसे आयकर विभाग पैसों के स्त्रोत के बारे में पता कर सकता है. लिहाजा आपको क्रेडिट कार्ड के बिल को लेकर सतर्क रहना चाहिए ।

3. फिक्स्ड डिपॉजिट में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा

एफडी (Fixed Deposit) में एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा रकम कैश के जरिए जमा करने पर आपसे इसके सोर्स के बारे में पूछा जा सकता है. लिहाजा आपको एफडी में एक साल में 10 लाख रुपये या उससे कम रकम ही कैश में जमा करानी चाहिए. आपको ऑनलाइन मोड या चेक के जरिए इसमें रकम जमा कराने के लिए विकल्प के बारे में सोचना चाहिए.

4. कैश में बड़े प्रॉपर्टी लेनदेन

अगर आप एक वित्तीय वर्ष में 30 लाख रुपये से ज्यादा के प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन कैश में करते हैं तो ये आयकर विभाग की पैनी निगाहों में आ सकता है. लिहाजा कैश के बजाए प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन के लिए ऑनलाइन माध्यम या ड्राफ्ट के जरिए ट्रांजेक्शन करें तो आपके लिए सेफ रहेगा ।

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5. शेयर, म्यूचुअल फंड के लिए बड़े कैश ट्रांजेक्शन

आयकर विभाग की नजर खास तौर पर ऐसे ट्रांजेक्शन पर रहती है जिनके तहत शेयर या म्यूचुअल फंड के लिए एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से ज्यादा का कैश ट्रांजेक्शन किया गया हो. आपके ये ध्यान रखना है कि एक साल में शेयर म्यूचुअल फंड या डिबेंचर्स की खरीदारी या ट्रांसफर के लिए आपने 10 लाख रुपये से ज्यादा का पेमेंट कैश में न किया हो. इस तरह के ट्रांजेक्शन आयकर विभाग की नजर में आ सकते हैं ।

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