विशेष

ट्रेन की छतों क्यों लगाए जाते हैं गोल-गोल ढक्कन? जानिये इस की दिलचस्प कहानी

अक़्सर जब हमें कहीं लंबी दूरी की यात्रा करनी होती है। तो सबसे पहले हमारे जेहन में रेल का ही ख्याल आता है। जी हां रेल की यात्रा न सिर्फ़ आरामदायक और सुगम होती है, बल्कि यह काफ़ी किफायती भी होती है और हमारे ख़्याल से एक न एक बार तो रेल की यात्रा हर किसी ने की होगी, लेकिन क्या रेल के छत पर बनें गोल ढ़क्कन और ऐसी ही रेल से जुड़ी जानकारियों से अवगत है आप? नहीं हैं तो चलिए आज हम आपको उन्हीं से जुड़ी कुछ बातें बताते हैं…

गौरतलब हो कि आपने रेलवे ब्रिज के ऊपर से ट्रेन के डिब्बे के ऊपर बने गोलाकार को जरूर देखा होगा। जो कहीं न कहीं देखने में एक ढक्कननुमा होता है। लेकिन क्या आपको पता है? आखिर ट्रेन के कोच के ऊपर ये गोल-गोल आकार की डिजाइन क्यों बनाई जाती है?

नहीं पता तो बता दूं कि रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रेन कोच की छतों पर लगाई गई इन प्लेट या गोल-गोल आकृतियों को रूफ वेंटिलेटर (Roof Ventilator) कहते हैं। जी हां आप सही पढ़ रहे हैं और ट्रेन के कोच में जब यात्रियों की संख्या ज्यादा हो जाती है तो उसमें उमस (गर्मी) काफी बढ़ जाती है। ऐसे में इसी गर्मी या सफोकेशन को बाहर निकालने के लिए ट्रेन में यह व्यवस्था की जाती है।

Roof Ventilator in Train

इसके अलावा जब भी आपने रेल की यात्रा की होगी तो अपने देखा होगा कि रेल के कोच के भीतर जाली लगी होती है। तो हम आपको बता दें कि इसके पीछे भी काफ़ी अहम कारण है। गौरतलब हो कि यह इसलिए लगी होती ताकि हवा बाहर निकलती रहें। वहीं आपको पता ही होगा कि गर्म हवाएं हमेशा ऊपर की ओर उठती हैं, इसलिए कोच के अंदर छतों पर छेद वाली प्लेटें लगाई जाती हैं।

Roof Ventilator in Train

वहीं ट्रेन के ऊपर छत पर गोल गोल प्लेटें और ट्रेन के अंदर छत पर जालिया लगाई जाती है। जिससे होते हुए गर्म हवा रूफ वेंटिलेटर के रास्ते बाहर निकल जाती हैं और वहीं इस जाली के ऊपर एक और प्लेट लगाई जाती है, ताकि बारिश होने पर बारिश का पानी ट्रेन के अंदर न आ सके। तो यह जानकारी थी ट्रेन पर लगी जाली और ढक्कन से जुड़ी हुई। आशा करता हूँ यह जानकारी आपको पसंद आएगी और ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए पढ़ते रहिए आप अपने “न्यूज़ट्रेंड वेबसाइट” को!

Back to top button