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बिपिन रावत के साले ने सुनाया पुराना किस्सा, बताया कैसे CDS के पिता ने मांगा था उनकी बहन का हाथ

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के निधन से पूरा देश गमगीन है. बिपिन रावत का असमय इस दुनिया से जाना लोगों को बड़ा सदमा दे गया है. बता दें कि 8 दिसंबर को जनरल बिपिन रावत का प्लेन तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हो गया था. इस हादसे में उनका निधन हो गया.

जनरल विपिन रावत के साथ हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 सैन्य अधिकारियों का भी निधन हो गया. बिपिन रावत सहित सभी सैन्य अधिकारियों को देश नमन कर रहा है और श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा है. इसी बीच बिपिन रावत को उनके साले और मधुलिका रावत को उनके भाई ने याद किया है और एक पुराना किस्सा भी सुनाया.

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बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत के भाई ने शुक्रवार को अपने जीजाजी और बहन की यादों को साझा किया. इस दौरान वे बेहद भावुक हो गए थे. मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह ने बहन-बहनोई को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, 35 साल पहले उनकी बहन का हाथ मांगने के लिए जनरल बिपिन रावत के पिता ने पहल की थी.

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यशवर्धन सिंह ने बताया कि, ‘असल में उनके पिता (लक्ष्मण सिंह रावत) ने मेरी बहन का हाथ अपने बेटे (बिपिन रावत) के लिए मांगा था. जनरल रावत के पिता भी सेना के एक अधिकारी थे. उन्होंने मेरे पिता दिवंगत मृगेंद्र सिंह को पत्र लिखा था और इस तरह शादी की बातचीत शुरू हुई थी.’

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जिस पते पर जन्‍म, उसी पते पर शादी, यशवर्धन बोले- सुखद संयोग…

आगे यशवर्धन सिंह ने कहा कि, ‘हमारे ‘नानाजी’ लखनऊ में रहते थे और इसलिए मेरी बहन का जन्म 1960 के दशक में वहां हुआ था. संयोग से उनके जन्म स्थान का पता ‘25, अशोक मार्ग’ है और उनका विवाह दिल्ली में ‘25, अशोक मार्ग’ में हुआ था. है न सुखद संयोग.’ आपको जानकारी के लिए बता दें कि यशवर्धन सिंह का परिवार मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के सुहागपुर का रहने वाला है.

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बता दें कि यशवर्धन सिंह मधुलिका रावत के छोटे भाई हैं. उन्होंने आगे बताया कि, ‘वह 1986 था और जनरल रावत तब कैप्टन के पद पर थे और उनकी तैनाती देहरादून में थी. इतनी प्यारी यादें और अब क्रूर भाग्य ने मेरी बहन और मेरे जीजा को हमसे छीन लिया.’

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बता दें कि बिपिन रावत और उनकी पत्नी को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गई. दिल्ली छावनी में बरार स्क्वेयर श्मशान घाट में जोड़े का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान जनरल बिपिन रावत को 21 तोपों की सलामी दी गई.

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