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एजाज पटेल को जन्मभूमि में मिला सबसे बड़ा मुक़ाम। जानिए एक तेज़ गेंदबाज कैसे बना स्पिनर?…

क्रिकेट के मैदान पर इतिहास रचने वाले एजाज पटेल की भारत से जुड़ी है कहानी

न्यूजीलैंड के करिश्माई गेंदबाज एजाज पटेल का भारत के खिलाफ शानदार प्रदर्शन मुंबई टेस्ट के तीसरे दिन भी बरकरार रहा। जी हां उन्होंने भारतीय टीम की दूसरी पारी में भी 4 विकेट झटकते हुए इंग्लैंड के महान गेंदबाज इयान बॉथम का रिकॉर्ड तोड़ दिया। गौरतलब हो कि एजाज पटेल ने पहली पारी के सभी 10 विकेट चटकाए थे, जबकि दूसरी पारी के आधार पर उनके नाम कुल 14 विकेट हो गए।

Ajaj Patel

ऐसे में भारत के खिलाफ भारत में एक टेस्ट में सबसे अधिक विकेट झटकने वाले वह पहले गेंदबाज बन गए हैं। जी हां इससे पहले यह रिकॉर्ड इयान बॉथम के नाम था और उन्होंने 1980 में इसी वानखेड़े मैदान पर 106 रन देते हुए 13 विकेट झटके थे। वहीं अब एजाज ने मैच में 225 रन खर्च करते हुए 14 विकेट अपने नाम कर लिया। ऐसे में उन्होंने यह रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।

इसके अलावा बीते दिन एजाज पटेल ने पारी की सभी विकेट लेते हुए क्रिकेट इतिहास के तीसरे खिलाड़ी बनें थे। बता दें कि उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ़ अनिल कुंबले और जिम लेकर ने किया था। आइए ऐसे में जानते हैं न्यूज़ीलैंड के इस करिश्माई गेंदबाज से जुड़ी रोचक कहानी…

Ajaj Patel

गौरतलब हो कि भारत से जाकर न्यूजीलैंड में बसने के बाद एजाज पटेल को क्रिकेट से लगाव हो गया, लेकिन उन्होंने तेज गेंदबाजी को छोड़ स्पिन गेंदबाजी करने की सोची। जिसके बाद से उनकी क़िस्मत पलटी और धीरे से उनका क्रिकेट करियर शुरू हुआ। मालूम हो कि न्यूजीलैंड में बसना और स्पिन गेंदबाजी करना दोनों ही उनके लिए कारगर रहा और आज वे टेस्ट क्रिकेट के 144 साल लंबे इतिहास में सभी 10 विकेट चटकाने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए है।


वहीं एक समय तेज गेंदबाज के रूप में बड़े हो रहे एजाज पटेल की प्रतिभा उस समय दुनिया के सामने आनी शुरू हुई जब उन्होंने स्पिन की गेंदबाजी शुरू की। गौरतलब हो कि पांच फीट छह इंच के इस क्रिकेटर ने महसूस किया कि वह बतौर तेज गेंदबाज अच्छा नहीं कर सकेंगे जिससे उन्होंने 20 साल की उम्र के बाद ही स्पिन गेंदबाजी करने पर ध्यान केंद्रित किया और आज वह दुनिया के क्रिकेट इतिहास में एक आइडियल बनकर उभरे हैं।

एक समय स्कूल में टीचर की भूमिका में थीं एजाज की मां…

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वहीं मालूम हो कि एजाज के परिवार का जोगेश्वरी में एक घर है। उनकी मां ओशिवारा के निकट एक स्कूल में पढ़ाया करती थीं जबकि उनके पिता ‘रेफ्रीजरेशन’ के व्यवसाय से जुड़े थे। इसके बाद वर्ष 1996 में इनके परिवार का मुंबई के जोगेश्वरी से न्यूजीलैंड जाने का फैसला हुआ और इस वक्त एजाज महज़ आठ साल के थे। ऐसे में उन्हें नए माहौल में नई चीज से लगाव हुआ और वह नई चीज खेल थी और वह अब इस खेल के महारथी बनकर उभरे हैं।

वहीं दिलचस्प बात यह है कि एजाज के बड़े चचेरे भाई ओवेस पटेल आज भी ओशिवारा में ही रहते हैं और उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘‘यह पूरे परिवार के लिए गर्व का पल है। हम अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे थे लेकिन यह अद्भुत है। दुखद है कि मैं उसकी उपलब्धि को देखने के लिये मैदान पर नहीं था। मुझे काम के लिये ऑफिस आना था इसलिये मैंने इसे टीवी पर ही देखा।’’

एजाज का कहना डेब्यू टेस्ट में कांप रहे थे हाथ…

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वहीं एजाज के लिए क्रिकेट के इस मुकाम तक पहुँचना आसान नहीं रहा। इसके लिए उन्होंने काफ़ी मेहनत की है। इसके अलावा एजाज की मानें तो जब डेब्यू टेस्ट में उन्हें पहली बार गेंद सौंपी गई थी तो उनके हाथ कांप रहें थे और अब उन्होंने उसी व्हाइट बॉल से एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।

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