समाचार

‘मैं किसी से लड़ता नहीं। लेकिन युद्ध हुआ तो सेनाएं 1971 जैसा हाल कर देंगी’ – सेना प्रमुख

किसी भी देश की सेना हो, उसपर उस देश के लोगों का अटूट भरोसा होता है। जी हां जब एक सैनिक सरहद पर रक्षा कर रहा होता है। तभी हम सभी चैन की नींद सो पाते है। ऐसे में इसी बीच टीवी चैनल आज़तक के मंच ‘एजेंडा आजतक’ के माध्यम से भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकंद नरवणे (Army Chief Gen MM Naravane) ने एक बड़ी बात कही है।

Army Chief Gen MM Naravane

जी हां उनके मुताबिक जब देशवासी और जवान एकसाथ होते हैं तो किसी को भी हराया जा सकता है। इसके अलावा भी उन्होंने इस मंच के माध्यम से देशवासियों के साथ कई रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। आइए जानते हैं उन्हीं से जुड़ी बातें…

Army Chief Gen MM Naravane

बता दें कि आज़तक न्यूज़ चैनल का एक विशेष मंच होता है ‘एजेंडा आज़तक’। जिस मंच पर देश के विशेष गणमान्यों को बुलाया जाता है और उनसे देश समाज के बारे में बातचीत की जाती है। इसी कड़ी में बीते दिन इस मंच पर भारतीय सेना के सेना प्रमुख पहुँचें हुए थे। जहां पर उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि, “1971 के युद्ध के समय मैं सिर्फ 11 साल का था।

इसलिए युद्ध के मैदान में नहीं था।” इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि वैसे भी मैं किसी से लड़ने में विश्वास नहीं रखता हूँ, लेकिन भविष्य में युद्ध हुआ तो भारत की तीनों सेनाएं 1971 जैसा हाल कर देंगी।

Army Chief Gen MM Naravane

इसके अलावा जनरल नरवणे ने एजेंडा आजतक के माध्यम से कई बातें की। गौरतलब हो कि वह आज़ादी की सबसे बड़ी जीत के 50 साल के मौके पर आजतक के मंच पर पहुँचें थे। जहां से उन्होंने बातों ही बातों में अपने पड़ोसी मुल्क को सहज लहजे में यह संदेश दे दिया कि उसे 1971 की जंग नहीं भूलनी चाहिए। गौरतलब हो कि यह एजेंडा आजतक का विशेष सेशन था। जिसमे 1971 में पाकिस्तान पर जीत विषय पर चर्चा हो रही थी। जानकारी के लिए बता दें 3 दिसंबर 1971 को ही भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान से जीत हासिल की थी।

Army Chief Gen MM Naravane

वहीं इस कार्यक्रम के दौरान जनरल नरवणे ने बताया कि 1971 के युद्ध के समय मेरे पिता जी दिल्ली में तैनात थे। हम वसंत बिहार में रहते थे। हमें बताया गया था कि युद्ध की तैयारी करें। हमने खिड़कियों पर काले कागज लगवाए थे और जब सायरन बजता था तब वो जरूरी निर्देशों का पालन करते थे।

इतना ही नहीं हम भी चेक करने वाली टीम में शामिल होकर ये देखते थे कि कोई इस आदेश का पालन कर रहा है या नहीं। वहीं उन्होंने कहा कि हम डंडा लेकर हर दरवाजे को पीटते थे, लेकिन तब ये नहीं सोचा था कि मैं भी किसी दिन सेनाध्यक्ष बनूंगा।

सेना प्रमुख बोलें ऐसे पता चला कि हम हैं लिविंग हिस्ट्री…

फ़िर उसके बाद अपनी बातचीत में जनरल नरवणे ने कहा कि 1971 के 9 साल बाद मैं सेना में शामिल हुआ और सेकेंड लेफ्टिनेंट बना। वहीं भर्ती के बाद सैनिकों और यंग ऑफिसर्स को एक डाइजेस्ट पढ़ने को दी जाती है। मैंने भी पढ़ी और उसमें 1971 की लड़ाई के बारे में कई सारे पन्ने थे। ऐसे में हमें एक बात साफ समझ में आई कि मार्च-अप्रैल 1971 से ही सबको पता था कि युद्ध होने वाला है और तैयारियां कैसी चल रही हैं। इसके अलावा ट्रेनिंग पर जोर भी दिया जा रहा था। उस डाइजेस्ट में सबकुछ लिखा है।

Army Chief Gen MM Naravane

उन पन्नों से ये लग रहा था कि अब क्या होने वाला है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि उस डाइजेस्ट में उन ऑफिसर्स के नाम थे जो उस लड़ाई में हिस्सा थे औऱ उनकी कहानियां थीं। वो सब जब हम पढ़ते थे तो हमें लगता था कि हम उस लड़ाई का हिस्सा थे और हमारे साथ तो लिविंग हिस्ट्री थी।

Army Chief Gen MM Naravane

अब तो होता है टी-20…

वहीं एजेंडा आजतक पर अपनी बात रखते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि हमारी तीनों सेनाओं ने मिलकर 1971 में विजय हासिल की थी। हम सब एक साथ थे और एनर्जी पूरी थी। इसलिए हमें ये शानदार जीत मिली। वहीं अगर कभी भविष्य में युद्ध होता है तो हम तीनों सेनाएं मिलकर इसी तरह की कामयाबी हासिल करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 1971 को अब 50 साल हो गए है और इतने सालों में कई बदलाव आए हैं। अब पहले जैसे युद्ध नहीं होते और न होने वाले।

Army Chief Gen MM Naravane

अब तो युद्ध टेस्ट मैच जैसा नहीं रहा, ये टी-20 हो गया है। इतना ही नहीं उन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें टैक्टिक्स, टेक्नीक और प्रोसीजर में बदलाव लाना होगा। पिछले 50 सालों में टेक्नोलॉजी बहुत बढ़ गई है और बड़े पैमाने पर फौज में आ गई है। अब हमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा ताकि हम और कारगर हो सकें।

Back to top button