राजनीति

ममता बनर्जी की तारीफ़ के बाद स्वामी ने मोदी सरकार को बताया फ़ेल, जारी किया रिपोर्ट कार्ड

अमूमन अपने बयानों की वज़ह से सुर्खियों में बने रहने वाले भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज यानी गुरुवार को एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। जी हां उन्होंने अपनी ही सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि यह शासन के लगभग हर पहलू में विफल रही है।

subramanian swamy

वहीं जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी का यह बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात के ठीक एक दिन बाद आया है।

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गौरतलब हो कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को मोदी सरकार को हर मसले पर फेल बताते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार शासन के लगभग हर पहलू पर असफल रही है। स्वामी के मुताबिक मोदी सरकार अर्थव्यवस्था और सीमा सुरक्षा के क्षेत्र में विफल रही है।

वहीं उन्होंने अफगानिस्तान संकट के केंद्र की हैंडलिंग को ‘फियास्को’ कहा। उन्होंने पेगासस डेटा सुरक्षा उल्लंघन के लिए केंद्र सरकार को भी दोषी ठहराया है।

बता दें कि स्वामी ने आंतरिक सुरक्षा के मामले पर भी मोदी सरकार को निशाना बनाया है और उन्होंने मौजूदा सरकार पर कश्मीर को लेकर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

इतना ही नहीं बुधवार को, उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रशंसा की। स्वामी ने उनकी तुलना जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, राजीव गांधी, चंद्रशेखर और पी वी नरसिम्हा राव जैसे राजनीतिक दिग्गजों से की। गौरतलब हो कि उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा है कि भारतीय राजनीति में यह एक दुर्लभ गुण है।

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वहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर मोदी सरकार की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि, “अगर चीन हमारे परमाणु हथियारों से नहीं डरता तो हम उनके परमाणु हथियारों से क्यों डरते हैं?” बता दें कि यह ट्वीट उन्होंने 23 नवंबर को किया था। इसके अलावा इससे एक दिन पहले उन्होंने मूल्य वृद्धि पर एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था कि, “वह (पीएम नरेंद्र मोदी) अर्थशास्त्र नहीं जानते हैं।

Subramanian Swamy

” इतना ही नहीं उसी दिन उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भोले-भाले लोगों से भरी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “भारत के एमईए (MEA) और एनएसए (NSA) में खराब पैच है। वे सो रहे हैं, जबकि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। भारत माता को नीचा दिखाने वाले ये लोग भी कुदाल को कुदाल कहने को तैयार नहीं हैं। चीन हमलावर है। मोदी सरकार उन सरल लोगों से भरी हुई है जो आमने-सामने मुलाकात के बाद शी का अनुमान नहीं लगा सकते थे।”

ऐसे में देखें तो लगातार सुब्रमण्यम स्वामी बीजेपी के भीतर से ही केंद्र की नीतियों का विरोध कर रहें हैं। फ़िर कहीं न कहीं राजनीतिक पंडित अगर यह अनुमान लगा रहें हैं कि वह ममता बनर्जी का दामन थाम सकते हैं, तो यह कोई हैरत की बात आगामी दिनों में नहीं होगी।

लेकिन कुछ राजनीतिक जानकार यह भी बताते हैं कि एनडीए पार्ट टू में भी स्वामी को कोई बड़ी भूमिका नहीं मिली। जिसकी खीझ गाहे-बगाहे स्वामी की बातों में झलक जाती है।

वहीं आख़िर में एक राज की बात करें तो सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) की अपनी एक खासियत है। वह जिसके पीछे पड़ जाते हैं उसे तबाह करके ही छोड़ते हैं। अतीत के पन्नों को पलटेंगे तो हम पाएंगे कि साल 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार गिरी तो इसके पीछे स्वामी ही थे।

J. Jayalalitha

इसके अलावा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता (J. Jayalalithaa) को आय से अधिक सम्पति के मामले में जेल भी उनके ही कारण हुई और तो और अब वह सोनिया गाँधी (Sonia Gandhi) और राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के पीछे हाथ धो कर पड़े हुए हैं। ऐसे में अब बीजेपी सरकार को यह देखना होगा कि स्वामी उनके लिए फ़ायदे का सौदा हैं या कहीं पार्टी के लिए भारी तो आगामी दिनों में नहीं पड़ जाएंगे?

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वैसे यह तो समय बताएगा, लेकिन स्वामी की वर्तमान स्थिति तो यही बता रही कि वे लगातार मोदी सरकार को लपेटे में ले रहे, भले ही इसका कारण कुछ भी हो।

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