राजनीति

‘उपद्रवियों’ के साथ कांग्रेस का हाथ, लाल किला हंगामा के आरोपियों को चन्नी सरकार देगी मुआवजा…

केंद्र से दो-दो हाथ के मूड में पंजाब की चन्नी सरकार, जानिए क्या है पूरी बात...

कांग्रेस पार्टी की नीति और नियत दोनों अक़्सर कठघरे में रहते हैं। बता दें कि एक तरफ़ तो कांग्रेस भाजपा को किसी भी मुद्दे पर घेरने में पीछे नहीं रहती। वहीं दूसरी तरफ़ उसके पार्टी द्वारा ही समय-समय पर कुछ ऐसे निर्णय लिए जाते हैं या उनकी पार्टी के सदस्य कुछ ऐसी बयानबाज़ी कर जाते हैं। जो सुर्खियां बन जाती है। इसी कड़ी में अब पंजाब सरकार का एक निर्णय सुर्खियों में है। बता दें कि राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के बाद जिन 83 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

अब पंजाब सरकार उन लोगों पर मेहरबानी दिखा रही है। जी हां पंजाब की चन्नी सरकार ने उन आरोपियों की आर्थिक मदद करने का फैसला किया है और इस फैसले से राज्य सरकार औऱ केंद्र के बीच एक नया विवाद खड़ा हो सकता है।

Panjab Government

बता दें कि बीते एक साल से पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाए क्योंकि इससे खेती भी प्राइवेट कंपनियों के हाथ में चली जाएगी। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि ये तीनों कानून कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए हैं औऱ इससे किसानों को फायदा पहुंचेगा। वहीं किसान सरकार के किसी अन्य प्रस्ताव को मानने से इनकार कर रहे हैं।

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ऐसे में 26 जनवरी के मौके पर दिल्ली पुलिस ने कुछ खास रास्तों से ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाज़त दी थी। यह फैसला किसानों और पुलिस के बीच बातचीत के बाद लिया गया था। हालांकि उस दौरान कई ट्रैक्टर बैरिकेड तोड़कर गलत रास्ते से दिल्ली में प्रवेश कर गए। ट्रैक्टर का एक झुंड लालकिले तक भी पहुंच गया जहां जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। वहीं कुछ प्रदर्शनकारियों ने लालकिले पर अपना झंडा फहरा दिया।

इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कई लोगों की गिरफ्तारी की थी। वहीं अब चन्नी सरकार ने ऐलान किया है कि जिन्हें लालकिले की घटना के बाद गिरफ्तार किया गया था, राज्य सरकार उन्हें मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि, “तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों के समर्थन में हमने उन सभी लोगों को 2 लाख रुपये देने का फैसला किया है जिन्हें दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के बाद गिरफ्तार किया था।”

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बता दें कि 26 जनवरी के खास मौके पर राजधानी दिल्ली में इस तरह का ‘हुड़दंग’ इससे पहले कभी नहीं देखा गया। लालकिला परिसर में पहुंचे बेकाबू प्रदर्शनकारी 15 फीट की प्राचीर फांद रहे थे। उधऱ पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश कर रही थी। लाठी भांजी जा रही थी। बाद में पुलिसवालों को अपनी जान बचाकर छिपना पड़ था।

ऐसे में कहीं न कहीं पंजाब कांग्रेस सरकार ने इन हुड़दंग करने वालों को मुआवजा देने की बात कहकर अपनी सोच को ज़ाहिर कर दिया है। वैसे कांग्रेस ने पहली मर्तबा ऐसा कोई क़दम नहीं उठाया है, उसकी नियत में शायद यह बात शामिल है कि जो देश-समाज के विरुद्ध खड़ा हो, उसका समर्थन कांग्रेस रूपी हाथ करेगा।


कानून भी रद्द कर चुकी है पंजाब सरकार…

आख़िर में बता दें कि इससे पहले गुरुवार को पंजाब विधानसभा के स्पेशल सेशन में कांग्रेस सरकार केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर चुकी है। इसकी जगह पर सरकार ने पंजाब का नया कानून पास किया है। हालांकि, इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम (CM) रहते हुए भी संशोधित कानून बनाया गया था और वह गवर्नर ऑफिस में ही अटक कर रह गया था।

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