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फडणवीस: नवाब मलिक ने मुंबईकरों के चिथड़े उड़ाने वालों से समझौता किया

बेस्ट क्राइम स्टोरी के तौर पर पढिए और समझिए फडणवीस के पूरे आरोप

पिछले सप्ताह दिए गए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का वह बयान याद होगा आपको, जिसमें उन्होंने नवाब मलिक को धमकी भरे लहजे में कहा था कि मैं आपके अंडरवर्ल्ड से रिश्ते को जल्द उजागर करूंगा और जो आपने फुलझड़ी छोड़ी है उसके बदले में मैं दिवाली के बाद बम फोड़ूंगा।

अपने वादे के मुताबिक Devendra Fadanvis आज मीडिया के सामने मुखातिब हुए और उन्होंने एक-एक कर Nawab Malik के काले कारनामों को जनता के सामने रख दिया। आइए आपको देवेंद्र फडणवीस द्वारा नवाब मलिक पर लगाए गए आरोपों को समझते हैं। पूरा मामला समझें उससे पहले आपको दो व्यक्तियों से परिचय करवाते हैं। एक का नाम है सरदार शावली खान उर्फ सरदार खान और दूसरे का नाम है मोहम्मद सलीम इसाक पटेल उर्फ सलीम पटेल

कौन है सरदार खान ?

सरदार खान 1993 मुंबई धमाके का गुनहगार है। सरदार खान पर मुंबई धमाके में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और मुंबई नगरपालिका ऑफिस में धमाके के लिए रेकी करने का आरोप है। टाइगर मेमन के घर अल हुसैनी में गाड़ी में आरडीएक्स भरने का भी आरोप सरदार खान पर लगा है। इन सब आरोपों में सरदार खान को उम्र कैद की सजा मिली है और फिलहाल यह जेल में सजा काट रहा है।

कौन है सलीम पटेल ?

Salim Patel दाऊद का करीबी माना जाता है। यह दाऊद की बहन हसीना पारकर का चालक भी था, अंगरक्षक भी था और उसके सहायक के तौर पर भी काम करता था। 2007 में दाऊद के फरार होने के बाद सारा कारोबार का रकम Hasina Parkar के माध्यम से जमा होता था। इस रकम को जमा कराने वाला था सलीम पटेल। मुंबई में सारे काले कारोबार इसके नाम से पावर ऑफ अटॉर्नी लेकर किए जाते थे। Dawood गैंग का जो जमीन पर कब्जा करने का कारोबार चलता था उसका मुख्य कार्यवाहक था सलीम पटेल।

अब आपने दोनों कैरेक्टर्स के बारे में समझ लिया। अब आपको बताते हैं आगे की कहानी जिसका सीधा संबंध नवाब मलिक से है। यह पूरा रिपोर्ट देवेंद्र फडणवीस के प्रेस वार्ता में दिए गए बयानों के आधार पर तैयार किया गया है।

मुंबई के कुर्ला में 2. 80 एकड़ यानी एक लाख 23 हजार स्क्वायर फीट की जगह, जिसको गोवा वाला कंपाउंड कहा जाता है। एलबीएस रोड पर स्थित यह कंपाउंड बेहद पॉश माना जाता है। इस जमीन की रजिस्ट्री सॉलिडस नाम की एक कंपनी से हुई।

इस जमीन सौदा के लिए गोवा वाला के परिवार के तरफ से सलीम पटेल को पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई और इसका दूसरा विक्रेता है Sardar Khan यानी साफ शब्दों में कहें तो इस जमीन को सलीम पटेल और सरदार खान ने बेची है। इन दोनों ने मिलकर इस जमीन को सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को बेची है यह Solidus नाम की कंपनी नवाब मलिक की परिवार की कंपनी है और जमीन की रजिस्ट्री पेपर पर फराज मलिक के हस्ताक्षर भी हैं।

फडणवीस की माने तो 2019 में नवाब मलिक खुद सॉलिडस कंपनी में थे  हालांकि बाद में उन्होने मंत्री बनने के बाद इस्तीफा दे दिया और आज भी उनके परिवार के लोग ही इस कंपनी को चलाते हैं।

फडणवीस के अनुसार, 2005 में बिक्री 2,053 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से हुई थी, लेकिन मलिक परिवार ने एलबीएस रोड पर ही तीन एकड़ जमीन खरीदी सिर्फ 30 लाख रुपये में, उसमें भी पेमेंट किया सिर्फ 20 लाख रुपये। इस 20 लाख रुपए में 15 लाख रुपए लिए सलीम पटेल ने और बाकी के 5 लाख लिए सरदार खान ने।

उस जमीन कि RR रेट है 8500 रुपये प्रति स्क्वायर फीट जबकि मार्केट रेट है 2000 रुपये प्रति स्क्वायर फीट और उसको खरीदा गया 25 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से और पैसे दिए गए 15 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की कीमत पर। यह लैंड डील 2003 से 2005 के बीच की गई और 2003 में नवाब मलिक मंत्री थे।

Nawab Malik

देवेंद्र फडणवीस ने पूछा कि “नवाब मलिक जी क्या आप जानते नहीं थे कि सलीम पटेल के साथ आप जमीन की सौदा कर रहे हैं और सबसे बड़ा सवाल यह है कि आपने मुंबई धमाके के गुनहगारों से जमीन क्यों खरीदी ? मुंबई में बम विस्फोट करने वाले से जमीन क्यों खरीदी ? और ऐसी कौन सी बात थी जिसके कारण आपको मुंबई में धमाका करने वाले लोगों ने 3 एकड़ की जमीन सिर्फ 20 लाख रुपये में दे दी।

इन दोनों गुनहगारों पर TADA लगा हुआ था और जिस गुनहगार पर टाडा लगा होता है उसकी सारी संपत्ति को सरकार जब्त करती हैं, तो क्या यह टाडा के कारण संपत्ति जब्त न हो इसीलिए यह संपत्ति आपको ट्रांसफर की गई ?” देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक से पूछा कि मुंबईकरों के चिथड़े उड़ाने वाले और मुंबई ब्लास्ट के लिए RDX भरने वाले, धमाकों के लिए जगहों की रेकी करने वालों से आपने जमीन की सौदा क्यों की ?”

नवाब मलिक पर आरोप लगाते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि “इस प्रकार की यह एकमात्र संपत्ति नहीं है। ऐसे ही मेरे पास 5 संपत्तियों का ब्यौरा है, जिसमें शत-प्रतिशत अंडरवर्ल्ड का एंगल है, और यह 2005 से 2019 तक का मामला है।” देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि “मैं उचित एजेंसी को यह सारे पेपर दूंगा और वह एजेंसी इस मामले की जांच करेगी और जैसा मैंने वादा किया था यह सबूत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)के प्रमुख श्री शरद पवार जी को भी भेजूंगा ताकि उनको भी पता चले कि उनके मंत्रियों ने क्या गुल खिलाया है।”

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