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घर में चोरी-छिपे सेक्स रैकेट चला रही थी शिवसेना से चुनाव लड़ चुकी समाजसेविका, पुलिस ने दबोच लिया

देश में कहीं भी सेक्स रैकेट चलाना गैर-कानूनी है। आप जिस्मफरोशी को एक व्यापार के रूप में नहीं चला सकते हैं। हालांकि इसके बावजूद लोग होटल, स्पा या निजी बंगले की आड़ में लड़कियों के जिस्मों का सौदा करते हैं। आमतौर पर ऐसे सेक्स रैकेट की वजह से ही कई लड़कियों को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया जाता है। इस धंधे में शामिल कई लड़कियों को तो धोखे से या किडनेप कर लाया जाता है। ऐसे में सरकार और पुलिस इन सेक्स रैकेट का भांडा फोड़ने की पूरी कोशिश करती रहती है।

शिवसेना नेता के घर पकड़ाया सेक्स रैकेट

आमतौर पर सेक्स रैकेट जैसी चीजें स्पा या होटल के मालिक जैसे लोग चलते हैं। लेकिन आपको जान हैरानी होगी कि मध्यप्रदेश के सीहोर में शिवसेना नेता के घर से सेक्स रैकेट पकड़ाया है। इस दौरान पुलिस ने कार और नकदी जैसी चीजें जब्त की है। इस छापे के दौरान चार लड़कियों, तीन ग्राहकों समेत महिला मैनेजर, संचालिका व चालक को भी पकड़ा गया है। इस रैकेट की मुख्य संचालक खुद को समाजसेविका बताती है। इतना ही नहीं वह शिवसेना के टिकट पर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ चुकी है।

पुलिस के छापे से मचा हड़कंप

दरअसल पुलिस ने सीहोर बस स्टैंड के नजदीक स्थित अनुपमा तिवारी के मकान पर रेड मारी है। यहां अनुपमा सेक्स रैकेट चला रही थी। पुलिस ने सूचना मिलने के आधार पर छापा मारा। जैसे ही पुलिस की रेड हुई तो वहां हड़कंप मच गया। ये सब इतनी जल्दबाजी में हुआ कि किसी को वहां से भागने का मौका ही नहीं मिला। पुलिस को मौके से नशे की चीजें भी मिली हैं। वहां चार लड़कियां और तीन ग्राहक भी थे। लड़कियां भोपाल के पास से मंगाई जाती थी। इन्हें लाने का काम इंदुलता नामक महिला मैनेजर करती थी।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिए थे बयान

आरोपी अनुपमा तिवारी का बैकग्राउन्ड खंगालने पर ये यकीन करना बेहद मुश्किल हो जाता है कि वह ऐसा कोई काम भी कर सकती हैं। पहली बात तो वह खुद को एक समाजसेविका बताती है। वे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई बयान भी दे चुकी हैं। इसमें उन्होंने महिला सुरक्षा पर चिंता जाहिर की थी। हालांकि उनकी काली करतूत देख यही लग रहा है कि वह खुद महिला सुरक्षा पर खतरा बन गई है।

योगाचार्य के रूप में है सम्मानित

अनुपमा तिवारी नेहरू युवा केंद्र की द्वारा योगाचार्य के रूप में सम्मानित भी हैं। उन्हें ये सम्मान कुछ सालों पहले दिया गया था। वहीं वे साल 2015 में शिवसेना के टिकट पर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ चुकी है। फिलहाल पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर आगे की जांच पड़ताल कर रही है। उन्हें घर से 28 हजार रुपए व दो कारें भी मिली हैं।

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