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Raymond के पूर्व चेयरमैन पाई-पाई को मोहताज, कहा “जींते जी बेटों के नाम न करें सारी संपत्ति”

12 हजार करोड़ रुपये के मालिक हुआ करते थे विजयपत सिंघानिया, अब मुंबई में किराए के घर पर रहने के लिए मजबूर हैं

कपड़ों का मशहूर ब्रांड रेमंड ग्रुप के पूर्व चेयरमैन विजयपत सिंघानिया की जीवनी ऐन इनकंप्लीट लाइफ़ पर प्रतिबंध लग गया है। इस पुस्तक के वितरण, प्रसार और छपाई पर प्रतिबंध रहेगा। यह फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट से आया है। रेमंड ग्रुप के वर्तमान चेयरमैन और विजयपत सिंघानिया के बेटे गौतम सिंघानिया फिलहाल अपने पिता से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

आज से लगभग 3 साल पहले रेमंड ग्रुप के पूर्व चेयरमैन विजयपत सिंघानिया ने अपनी जीवनी AN INCOMPLETE LIFE लिखी थी, जिसको लेकर गौतम सिंघानिया ने उन पर आरोप लगाए कि इसमें कई सारी अपमानजनक बातें लिखी हुई हैऔर उसके खिलाफ गौतम सिंघानिया ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

रेमंड लिमिटेड और इसके प्रमुख गौतम सिंघानिया ने अपने पिता विजयपत की किताब को लेकर तीन साल पहले न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। गौतम सिंघानिया ने ठाणे की सेशन कोर्ट में और इसके अलावा मुंबई की एक दीवानी अदालत में मुकदमा दर्ज कराया था। गौतम सिंघानिया ने अदालत से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था।

आपको बता दें कि 83 साल के विजयपत सिंघानिया का अपने बेटे गौतम सिंघानिया से रिश्ते ठीक नहीं हैं।  ऐसे में सितंबर 2018 में गौतम सिंघानिया ने अपने पिता जी द्वारा लिखित पुस्तक पर आपत्ति जताई थी और फिर गौतम सिंघानिया पिता विजयपत सिंघानिया के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए थे।

अप्रैल 2019 में ठाणे के सेशन कोर्ट ने विजय सिंघानिया के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम पर रोक लगा दिया था। उसके बाद ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। बीते गुरुवार को रेमंड कंपनी और उसके प्रमुख गौतम सिंघानिया इस मामले में लेकर  अचानक से मुंबई हाईकोर्ट पहुंच गए, वहां उन्होंने मुंबई हाई कोर्ट को बताया कि उनके पिता विजयपत सिंघानिया ने गुपचुप तरीके से पुस्तक का 232 पेज रिलीज कर दिया है।

इस पर न्यायमूर्ति एसपी तावडे की खंडपीठ ने पुस्तक की बिक्री, प्रसार एवं वितरण पर रोक लगा दी।

आपको बता दें कि एक समय में विजयपत सिंघानिया 12 हजार करोड़ रुपये के मालिक हुआ करते थे और उनका नाम देश के जाने-माने उद्योगपतियों में लिया जाता था लेकिन अब यह मुंबई में किराए के घर पर रहने के लिए मजबूर हैं। इनका आरोप है कि उनके बेटे गौतम सिंघानिया ने इनसे घर और गाड़ी भी छीन लिया है।

बता दें कि 2015 में विजयपत सिंघानिया ने 1 हजार करोड़ रुपए के अपनी कंपनी के सभी शेयर अपने बेटे को गौतम सिंघानिया को दे दिए थे। कुछ समय बाद विजयपत सिंघानिया ने अपने बेटे पर आरोप लगाया था कि उसने सीएमडी होने का गलत फायदा उठा कर सारी संपत्ति अपने नाम कर ली और मुझे पाई-पाई तक के लिए मोहताज बना दिया और अब यह फैसला आने से विजयपत सिंघानिया को एक बार और झटका लगा है।

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