अध्यात्मदिलचस्प

सौभाग्य के टीके से लेकर बहन के हाथ के भोजन तक, जाने भाई दूज के 9 रोचक तथ्य

भाई-बहन का रिश्ता बड़ा पवित्र माना जाता है। इनसे जुड़े साल में दो बड़े त्यौहार आते हैं। पहला रक्षाबंधन और दूसरा भाई दूज। भाई दूज हर साल कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया के दिन मनाया जाता है। यह दीपावली के पंचमहापर्वों में पांचवां प्रमुख त्योहार है। यह भाई-बहन के प्रेम और स्नेह से जुड़ा पर्व होता है। इसे विधिपूर्वक मनाने से भाई की आयु लंबी होती है। साथ ही वह बीमार नहीं होता है। भाई दूज से जुड़ी कई परंपराएं और रस्में हैं। आज हम इन्हीं के बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।

1. सौभाग्य का टीका

भाईदूज के दिन हर बहन को अपने भाई के माथे पर टीका लगाना चाहिए। इसे सौभाग्य का टीका भी कहते हैं। बहन के हाथ से टीका लगवाने के बाद भाई की किस्मत चमक उठती है।

2. बहन के चरण-स्पर्श

भाईदूज पर भाई को बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। बहन के आशीर्वाद से भाई का हर काम सफल होता है। मुसीबत दूर भागती है।

3. बहन को उपहार

भाईदूज पर बहन को उपहार स्वरूप कुछ अवश्य देना चाहिए। इससे आपके घर की बरकत हमेशा बनी रहती है।

4. भाईदूज के अलग-अलग नाम

भाईदूज का पर्व देशभर में अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसे भाई बीज कहते हैं। मणिपुर में निंगोल चकबा के रूप में जाना जाता है। वहीं पड़ोसी देश नेपाल में इसे भाई टीका कहा जाता है।

5. बहन के हाथ का भोजन

भाईदूज पर भाई को बहन के हाथ से बना भोजन या मिठाई खाना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन बहन के हाथ से भोजन ग्रहण करने से भाई की सभी विपदाएं दूर होती हैं। यह भोजन भाई की आयु भी बढ़ाता है। भाई को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बहन सगी हो, चचेरी, ममेरी या मुंहबोली, सभी के घर भाई को जाना चाहिए।

6. बहन न हो तो ये करे

यदि आपकी कोई बहन न हो तो आप गाय, नदी जैसी चीजों का ध्यान कर या उनके समीप बैठकर भोजन ग्रहण कर सकते हैं। ऐसा करने पर भी आपको शुभ फल की प्राप्ति हो जाएगी।

7. यमराज का पूजन

भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन यमराज जी और उनकी बहन यमुना जी के पूजन का खास महत्व होता है। यमराज की पूजा के लिए ‘धर्मराज नमस्तुभ्यं समस्ते यमुनाग्रज. पाहि मां किंकरैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तु ते.’ मंत्र जबकि यमुना की पूजा हेतु ‘यमस्वसर्नमस्तेऽस्तु यमुने लोकपूजिते. वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते.’ मंत्र बोलना चाहिए।

8. यमुना नदी में स्नान

भाईदूज के दिन भाई-बहन को यमुना नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से भाई की हर तरह की समस्या समाप्त हो जाती है। भाई का कोई बाल भी बाका नहीं कर पाता है। वह सुरक्षित रहता है।

9. बेरी पूजन

भाई दूज के दिन कई बहने बेरी पूजन (बेरी के पेड़ की पूजा) भी करती है। मान्यता है कि इससे भाईयों की उम्र लंबी रहती है। इस पूजा से भाई सेहतमंद भी रहता है।

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