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S-400 मिसाइल प्रणाली: भारत के समर्थन में 2 अमेरिकी सांसदों का बाइडन को पत्र, जानें क्या लिखा

दुनिया के सबसे ताकतवर देश में शुमार अमेरिका के दो सांसदों ने भारत का समर्थन किया है. मामला रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जान की ख़बरों का है. दरअसल, इस संबंध में दो अमेरिकी सांसदों ने अपने राष्ट्रपति जो बाइडन को एक खत लिखा है और मांग की है कि प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए.

मंगलवार को दो अमेरिकी सेनेटरों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को लिखे पत्र में यह मांग की है कि वे रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर भारत के खिलाफ दंडात्मक ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के प्रावधानों को लागू न किया जाए. साथ ही उन्हने इसी पीछे तर्क दिया कि अगर ऐसा किया जाता है तो यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में होगा.

दो अलग-अलग पार्टी के सांसदों ने लिखा पत्र…

जो बाइडन को भारत के समर्थन में जिन दो अमेरिकी सांसदों ने पत्र लिखा है वे दो अलग-अलग राजनीतिक दलों से संबंध रखते हैं. एक संसद का नाम मार्क वार्नर है जो कि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं जबकि दूसरे सासंद का नाम जॉन कॉर्निन हैं. वे रिपब्लिकन पार्टी से संबंध रखते हैं. दोनों ने बाइडन से आग्रह करते हुए भारत के समर्थन में कहा कि सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए.

pm modi and joe biden

डेमोक्रेटिक पार्टी के मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने पत्र में लिखा है कि, ‘हम रूसी उपकरण खरीद के संबंध में आपकी चिंता को समझते हैं. हम आपके प्रशासन को भारतीय अधिकारियों के समक्ष इस चिंता को मजबूती से उठाना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. भारत के साथ रचनात्मक रूप से जुड़कर रूसी उपकरणों की खरीद के विकल्पों का समर्थन करना भी जारी रखेंगे.’

क्या है दोनों सांसदों की भारत के हित में ताकत…

john cornyn and mark warner

बाइडन को पत्र लिखने वाले जॉन कॉर्निन ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP) के लिए सीनेट के लिए अल्पसंख्यक सचेतक हैं जबकि खुफिया विभाग के सीनेट की स्थायी चयन समिति के अध्यक्ष के रूप में मार्क वार्नर काम करते हैं. ख़ास बात यह है कि दोनों इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं.

s 400 missile system

गौरतलब है कि अमेरिका में जब डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार थी तब भारत ने साल 2018 में पांच एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल प्रणालियों की खरीद के लिए रूस के साथ करीब 3.75 खरब रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. तब भारत को चेताते हुए ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि अनुबंध के साथ आगे बढ़ने पर सीएएटीएसए के तहत अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

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