अध्यात्म

धनतेरस पर है गरीबी दूर करने का सबसे बड़ा मुहूर्त, सिर्फ 5 रुपए में प्रसन्न होगी माँ लक्ष्मी

हिन्दुओं का और भारत का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली नज़दीक आ रहा है. ये त्योहार देश के कोने-कोने में धूम-धाम से मनाया जाता है. रोशनी से भरा ये त्योहार सनातन धर्म के लिए शुरू से खास रहा है. सनातन धर्म में शुरू से ही इस त्योहार के खास महत्व के बारे में बताया गया है. दीपावली एक-दो नहीं बल्कि पांच दिनों का पर्व होता है. धनत्रयोदशी या धनतेरस से ही दीपावली शुरू हो जाती है.

धनतेरस इस त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है. धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस बार धनतेरस का त्योहार 2 नवंबर 2021 मंगलवार को है.

Dhanteras

धनतेरस को धन, समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है. आपको बता दें कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की विशेष रूप से पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समुंद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर भगवान धन्वंतरि हाथों में कलश लिए समुंद्र से प्रकट हुए थे.

इसलिए इस दिन आभूषण, बर्तन, वाहन आदि खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिनको धनतेरस पर करने से आपके घर कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी.

मां लक्ष्मी को भोग लगाना न भूले

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हिन्दू धर्म में हर तरह के त्योहार पर बताशे का प्रयोग भोग के रूप में किया जाता है. इसलिए इस दिन भी माँ लक्ष्मी को बताशे का भोग लगाए. इससे आपके ऊपर लक्ष्मी मां की कृपा होगी.

घर की तिजोरी पर उल्लू की तस्वीर चिपकाएं

laxmi maa

 

देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू नकारात्मक उर्जा को नष्ट करता है. ऐसे में घर में जहां भी आप पैसे रखते हों उस स्थान पर धनतेरस वाले दिन उल्लू की तस्वीर लगाएं. इससे घर में बरकत आती है.

साबुत धनिया का कमाल

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धनतेरस के दिन 5 रुपए के साबुत धनिया को ले और माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि के सामने रख दें. भगवान के सामने अपनी मनोकामना बताने के बाद उसे मिट्टी में गाड़ दें. उस धनिया को तिजोरी में भी रख दें.

दीपदान का लाभ

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अगर आप आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं और खुद कर्ज में डूबे हुए है, तो धनतेरस वाले दिन 5 रुपए के दीपक खरीद कर लाएं और घर के बाहर दीप माला बनाकर जला दें. इस उपाय को करने से आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी.

धनतेरस मुहूर्त शाम 06:18:22 से 08:11:20 तक. इस काल में पूजा और खरीदी दोनों हो सकती है.
वृषभ काल– शाम 06:18 से 08:14: तक. निशिता मुहूर्त- रा‍त्र‍ि 11:16 से 12:07 तक.

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दिन का चौघड़िया
लाभ- प्रात: 10:43 से 12:04 तक.. अमृत- दोपहर 12:04 से01:26 तक.. शुभ- दोपहर 02:47 से 04:09 तक..
रात का चौघड़िया
लाभ- 07:09 से 08:48 तक..शुभ- 10:26 से 12:05 तक.. अमृत- 12:05 से 01:43 तक..

अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 तक यह मुहूर्त खरीदारी के लिए यह शुभ है. विजय मुहूर्त : दोपहर 01:33 से 02:18 तक. गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:05 से 05:29 तक.. प्रदोष काल : 5:35 मिनट और 38 सेकंड से 08 बजकर 11 मिनट और 20 सेकंड तक रहेगा. इस काल में पूजा की जा सकती है.

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