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बड़ी कामयाबी: गरीब मजदूर को मारने वाले आतंकी आदिल को सुरक्षाबलों ने उतारा मौत के घाट

2 हफ्ते में मार गिराए 15 आतंकी, गरीब मजदूर की हत्या करने वाला आतंकी मारा गया

सुरक्षाबलों ने शोपियां के द्रगाड क्षेत्र में द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के दो आतंकवादियों को मार गिराया। इसमें TRF का जिला कमांडर शोपियां आदिल अहमद वानी भी था। ये वही आतंकी है जिसने बीते दिनों पुलवामा में सहारनपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले बाहरी श्रमिक साकिर अहमद वानी की टारगेट किलिंग के उद्देश्य से हत्या की थी। वहीं  दूसरे आतंकी की पहचाना अभी नहीं हो पाई है। आतंकियों से हुई इस मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हुआ जबकि दो घायल हुए।

गरीब मजदूर की हत्या करने वाला आतंकी मारा गया

आतंकियों को मौत के घाट उतारे के बाद इलाके मेंं सर्च ऑपरेशन भी हुआ जिसमें कोई अन्य आतंकी नहीं मिला। ऐसे में सुरक्षाबल दोनों आतंकियों के शवों व मुठभेड़ स्थल से मिले हथियारों को लेकर लौट आए। आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इन दो आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में जो आदिल अहमद वानी नाम का आतंकी मारा गया वह जुलाई 2020 से आतंकी गतिविधियों में शामिल था। इसी आतंकी ने लिटर, पुलवामा में एक गरीब मजदूर को मारा था।

2 हफ्ते में मार गिराए 15 आतंकी

आइजीपी ने आगे कहा कि बीते दो सप्ताह में सुरक्षाबलों ने अब तक 15 आतंकियों को मार गिराया है। शोपियां में यह इस अवधि में तीसरी मुठभेड़ थी। दूसरे आतंकवादी की भी पहचान पता लगाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस को द्रगाड इलाके में आतंकवादियों के देखे जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद एसओजी, सेना और सीआरपीएफ के जवान वहाँ पहुंच गए थे।

आतंकियों को दिया था सरेंडर का मौका

सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। चुकी आतंकी स्थानीय थे इसलिए पहले सुरक्षाबलों ने उन्हें हथियार डाल सरेंडर करने को कहा। हालांकि जब वे नहीं माने तो दोनों तरफ से गोलीबारी जारी रही। इसमें 3 जवान घायल हुए जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन एक जवान ने शहादत पा ली जबकि बाकी दो का इलाज चल रहा है।

इलाके में नहीं मिल कोई और आतंकी

मुठभेड़ के महज आधे घंटे में एक आतंकी मारा गया। ऐसे में सुरक्षाबलों ने दूसरे आतंकी को फिर से सरेंडर करने का अवसर दिया, हालांकि जब वह नहीं माना तो उसे भी सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया। इसके बाद पूरे इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन जब किसी भी आतंकी के मौजूद होने का सबूत नहीं मिला तो ऑपरेशन समाप्त कर दिया गया।

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