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मनीष गुप्ता मर्डर केस का आरोपी जेल जाते समय फूट-फूटकर रोया, कही यह बात

बीते दिनों गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या की गई थी। जिसके बाद सूबे में काफ़ी हो-हंगामा देखने को मिला। फ़िर पुलिस और सरकार पर जब दबाव बढ़ा तो पुलिस ने हत्यारोपियों को पकड़ा। उसके बाद कचहरी से जेल जाते समय मनीष का हत्यारोपित सिपाही प्रशांत कुमार फूटकर रो पड़ा। जी हां जेल जाने के लिए पुलिस वैन में बैठते ही वह फुट-फूटकर रोने लगा और बोला कि मेरा तो करियर बर्बाद हो गया। इतना ही नहीं सिपाही ने कहा कि उसकी तो कोई गलती ही नहीं थी। उसका तो पूरा करियर ही बर्बाद हो गया।

manish murder case

बता दें कि मंगलवार दोपहर करीब दो बजे पुलिस ने थाने से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर हत्यारोपित दारोगा राहुल दुबे व सिपाही प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया। दोनों से थाने पर करीब छह घंटे तक पूछताछ चली।

पूछताछ के बाद राहुल व प्रशांत को थाने की गाड़ी से बिठाकर कोर्ट ले जाया गया। इस दौरान गाड़ी में बैठते ही सिपाही की आंखें नम दिख रही थीं, लेकिन वह जैसे ही कोर्ट से निकलकर जेल जाने के लिए पुलिस वैन में बैठा, दहाड़े मार कर रोने लगा। सभी से कहने लगा कि घटना के दिन उसका कोई दोष नहीं है। कर्मचारी होने के नाते वह फंस गया। उसे थानेदार अपने साथ होटल ले गया था।

वहां भी वह गाड़ी से बाहर नहीं निकल रहा था, लेकिन बाद में आदेश पर निकलना पड़ा। उसने कहा कि नौकरी में आने के बाद उसने क्या-क्या सपने सजाया था, लेकिन अब सब खत्म हो गया। प्रशांत को रोता देख दारोगा राहुल का भी गला भर आया और उसने उसे ढांढस बंधाने की कोशिश की। फिर दोनों एक दूसरे से लिपटकर रोने लगे।

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राहुल को मिला था ‘झूठा’ मुकदमा दर्ज करने का इनाम…

वहीं बता दें कि तिवारीपुर थाने में तैनाती के दौरान राहुल दूबे ने बर्थडे पार्टी में पकड़े गए युवक पर आबकारी एक्ट का मुकदमा दर्ज कर दिया था। जिस वक्त की घटना बताई गई युवक अपने घर पर था। एडीजी से शिकायत करने पर सीओ कोतवाली ने जांच की लेकिन उसे क्लीनचीट दे दिया और इनाम के तौर पर रामगढ़ताल थाने में पोस्‍ट‍िंग मिल गई। वहां भी उसकी मनमानी जारी रही। रात में थाने का सीयूजी उसी के पास रहता था।

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तिवारीपुर थाने में तैनाती के दौरान राहुल दूबे ने 15 अगस्त को गोरखनाथ के हुमायूंपुर उत्तरी निवासी सुमित भारती के खिलाफ आबकारी एक्ट का केस दर्ज कर दिया था। फर्द में राहुल ने लिखा था कि सूरजकुंड बैरियर पर जांच के दौरान एक युवक प्लास्टिक का थैला लेकर पैदल आते दिखा। संदेह होने पर चेक किया तो पालीथीन में 20 लीटर कच्‍ची शराब मिली। प्रेस नोट जारी होने पर सुमित के स्वजन को मामले की जानकारी हुई।

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वहीं सुमित की बहन खुशबू ने एडीजी जोन अखिल कुमार को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि एक दिन पहले तिवारीपुर पुलिस ने उसके भाई को बर्थडे पार्टी में डीजे पर डांस करते पकड़ा था। एसएसपी के निर्देश पर रात में उसे छोड़ दिया गया। लेकिन खुन्नस खाए राहुल दूबे ने उसका करियर खराब करने की धमकी दी थी। अगले दिन सुमित के खिलाफ आबकारी एक्ट का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। एडीजी ने सीओ कोतवाली से मामले की जांच कराई तो उन्होंने राहुल दूबे को क्लीनचीट दे दिया। स्वजन की शिकायत पर एडीजी ने एएसपी/सीओ कैंट राहुल भाटी को मामले की जांच दी जो अभी तक पूरी नहीं हुई। राहुल दूबे पर मेहरबान अधिकारियों ने उसे रामगढ़ताल थाने पर मनचाही पोस्‍ट‍िंग दे दी।

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भगवान के घर देर हो सकती है अंधेर नहीं…

आख़िर में बता दें कि भाई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने की शिकायत करने वाली खुशबू भारती ने कहा कि भगवान के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं। शिकायत करने पर पुलिस अधिकारियों ने दारोगा राहुल दूबे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन आज भगवान ने इंसाफ कर दिया।

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