राजनीति

राकेश टिकैत का बड़बोलापन कहा,BJP कार्यकर्ताओं की हत्या करने वाले अपराधी नहीं,एक्शन का रिएक्शन है

देश की राजधानी दिल्ली में चल रहा कथित किसान आंदोलन दिन ब दिन उग्र होता जा रहा है. अब भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को लखीमपुर खीरी की घटना पर एक विवादित बयान दिया है. राकेश टिकैत का कहना है कि, वह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करने वालों को अपराधी नहीं मानते है. टिकैत ने केवल प्रदर्शनकारियों पर एसयूवी चलाने पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हिंसा में जो बीजेपी के कार्यकर्ता मारे गए वो ‘एक्शन का रिएक्शन’ था.

rakesh tikait

आपको बता दें कि, यूपी के लखीमपुर खीरी में तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर 3 अक्‍टूबर के दिन एक बड़ा हादसा हुआ था. यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जा रहे कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर एसयूवी चढ़ गई थी. यह गाडी अचानक ही पीछे से चढ़ी थी. इस पूरी घटना में 4 किसानों के साथ ही कुल आठ लोगो की मौके पर ही मौत हो गई थी. मृतकों में किसान, भाजपा कार्यकर्ता और एक पत्रकार शामिल हैं.

राकेश टिकैत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘लखीमपुर खीरी में चार किसानों पर पीछे से कारों का काफिला चढ़ाए जाने के बाद दो भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या किया जाना क्रिया के विपरीत की गई प्रतिक्रिया है. मैं इन हत्याओं में शामिल लोगों को अपराधी नहीं मानता हूँ.’

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टिकैत ने इसके साथ ही कहा कि जब तक मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा जब तक जांच नहीं हो सकती है. किसी गृह राज्य मंत्री के खिलाफ कोई अधिकारी सवाल कैसे पूछ सकता है. इस समझौते में भी मांग थी कि इस्तीफा दिया जाय. अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया है तो हम फिर से विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन इसी तरह आगे भी चलता रहेगा.

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वही संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता योगेंद्र यादव ने अपने बयान में कहा, ‘हम इस हादसे में जिंदगी जाने से दुखी हैं, चाहे वह किसान हो या वो भाजपा कार्यकर्ता हों. यह हादसा दुर्भाग्यपूर्ण था. हमें उम्मीद है कि सभी के साथ न्याय होगा.’ वही किसान नेताओं ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार करने की मांग उठाई है. उनका मानना है कि, यह घटना एक ‘पूर्व नियोजित साजिश’ थी.

योगेंद्र यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि, अजय मिश्रा को भी सरकार से हटाया जाना चाहिए. इसका कारण यह है कि उन्होंने इस साजिश को शुरू किया था और इस मामले के दोषियों को भी वह बचा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा दशहरा वाले दिन 15 अक्टूबर को हिंसा के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला सामाजिक रूप से जलाएंगे. बता दें कि किसानों द्वारा नए कृषि-बिल के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. यह विरोध पिछले एक साल से जारी है. किसानों के कई संगठन दिल्ली की बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे है.

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