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लखीमपुर खीरी: चश्मदीद का खुलासा, ‘मेरे दोस्त को मार दिया, नहीं भागता तो मैं भी ज़िंदा नहीं बचता

जीप में बैठे चश्मदीद ने सुनाई लखीमपुर खीरी हिंसा की पूरी कहानी, - नहीं भागता तो उपद्रवी किसान मुझे भी मार डालते

लखीमपुर खीरी : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसात्मक घटना पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में ख़ूब सियासत भी हो रही है. मामला किसानों और भारतीय जनता पार्टी के नेता, कार्यकर्ताओं से जुड़ा हुआ है. हाल ही में यहां दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प में 8 लोगों की मौत हो गई थी.

Lakhimpur Violence

लखीमपुर खीरी की हिंसा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब चर्चा में रहे थे. कहीं आगजनी की तस्वीरें आई तो कहीं किसी को पीटते हुए देखा गया. इस दौरान घटनास्थल पर सैकड़ों लोगों की भारी भीड़ भी जमा थी. अब इस घटना के एक चश्मदीद ने हिंसा से जुड़े मामले पर काफी कुछ कहा है. एक शख़्स ने बताया है कि, जब यह हिंसा हुई वो भी वहां मौजूद था और अगर वो वहां से मौक़ा रहते नहीं भागता तो उसकी जान जा सकती थी.

lakhimpur kheri

हम आपसे जिस शख़्स की बात कर रहे है उसका नाम है सुमित जायसवाल. यह शख़्स भाजपा का एक स्थानीय नेता है. सुमित जायसवाल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वो जीप से उतरकर भागता हुआ नज़र आ रहा था. बता दें कि सुमित लखीमपुर में शिवपुरी वॉर्ड से सभासद है. सुमित ने एक साक्षात्कार में इस मामले पर अपनी बात रखी है.

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सुमित ने घटना का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘हम लोग डेप्‍युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कार्यक्रम स्‍थल पर लाने के लिए जा रहे थे. इस दौरान तिकुनिया में कई लोग सड़क पर खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. उन लोगों ने अचानक से मेरी जीप पर हमला बोल दिया. मेरे सामने उपद्रव करने वालों ने मेरे ड्राइवर को बाहर खींचकर निकाल लिया और डंडों से उसे पीटने लगे. फिर मेरे दोस्‍त शुभम मिश्रा के साथ भी यही किया. यह देख मेरी रूह कांप गई.  मैं वहां से किसी तरह जान बचाकर भागा. अगर वहां मैं रुक जाता या फंस जाता तो आज जिंदा नहीं होता. मैंने कभी सोचा नहीं था कि अपने सामने अपने दोस्‍त को मरते हुए देखूंगा. शुभम का जाना मेरे लिए बहुत बड़ा झटका है, जिसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा.’


sumit jaiswal

भाजपा नेता सुमित जायसवाल ने आगे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के सवाल पर कहा कि, ‘हम किसी किसान को क्‍यों मारना चाहेंगे? जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें पूरी सच्‍चाई नहीं है. जब हमारी गाड़ी पर पत्‍थरबाजी हो रही थी तो जीप कंट्रोल में थी ही नहीं. पत्‍थर लगने की वजह से मेरे ड्राइवर की आंख में चोट आ गई थी. जैसे ही उसने जीप को किनारे लगाया, लोगों की भीड़ उसे खींच ले गई.’

कोई बड़ी साजिश है…

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सुमित जायसवाल ने यह भी माना कि किसान ऐसा नहीं कर सकते है बल्कि इसके पीछे किसी बड़ी साजिश का हाथ है. अपनी बात जारी रखते हुए जायसवाल ने कहा कि, ‘जिस तरह भीड़ में मौजूद लोग मेरे ड्राइवर और दोस्‍त शुभम की पिटाई कर रहे थे, वे किसान किसी भी एंगल से नहीं लग रहे थे. इस घटना के पीछे बड़ी साजिश है. सारे उपद्रवी बाहरी लग रहे थे. सभी के हाथ में धारदार हथियार थे और वे मारो-मारो चिल्‍ला रहे थे. उन सबका एक ही उद्देश्‍य लग रहा था कि कैसे वे जीप में आग लगा दें और गाड़ी के अंदर बैठे लोगों को मार डालें.’

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, हाल ही में उत्तरप्रदेश के उपमुख़्यमंयत्री केशव प्रसाद मौर्य का लखीमपुर खीरी का दौरा था. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे केशव प्रसाद को लेने के लिए जा रहे थे तब ही रास्ते में तथाकथि किसानों ने उनका रास्ता रोक लिया. इस बीच भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच झड़प हो गई. जल्द ही झड़प आगजनी और हिंसा में बदल गई. बताया जा रहा है कि हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में किसान और भाजपा नेता दोनों ही शामिल थे.

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