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अभी से गांठ बांध लें धन से जुड़ी ये 3 ख़ास बातें, वर्ना अपार धन होने के बाद भी बर्बाद हो जाएंगे आप

सदियों पहले धरती पर एक महान विद्वान हुआ करते थे जिन्हें चाणक्य के नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता है. चाणक्य ज्ञान का अद्भुत भंडार थे. वे किसी भी विषय पर अपार ज्ञान रखते थे और जीवन के हर एक मोड़ का ज्ञान उनके पास था. उनका ज्ञान आज भी लोगों के बहुत काम आता है. उनकी बताई गई बातों को चाणक्य नीति के रूप में जाना जाता है.

acharya chanakya

बता दें कि चाणक्य ने हर एक बात हर एक मुद्दे पर काफी कुछ बताया और समझाया है. वहीं आचार्य चाणक्य ने धन की महत्वता को भी बताया. आचार्य ने धन के बारे में भी काफी कुछ कहा है और इसके बारे में हर किसी को सुनना चाहिए. आचार्य ने इस पर जोर देते हुए यह भी कहा है कि कुछ धन ऐसा भी होता है जो बहुत ही जल्दी नष्ट हो जाता है.

यह थोड़ी विचार करने वाली बात है कि आखिर ऐसा क्यों ? तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि किस तरह के धन का कोई महत्व नहीं रहता है और वो कैसे नष्ट होने लगता है.

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गलत कार्यों से कमाया गया धन…

इस बात से तो हर कोई वाकिफ़ है कि बुरे के साथ बुरा ही होता है. चाहे कोई काम हो या बात धन की हो सभी स्थिति में ऐसा ही होता है. धन कमाना अच्छी बात है लेकिन गलत कामों से कमाए गए धन का कोई महत्व नहीं होता है. उल्टा व्यक्ति को इससे नुक़सान ही झेलना पड़ता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसा धन जल्दी नष्ट होने लगता है.

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इसकी उम्र ज़्यादा नहीं होती है. यदि आप किसी से छल करके, गलत काम करके, धर्म के विरुद्ध काम करके या किसी का दिल दुखाकर धन बनाते हैं तो निश्चित ही आपको जल्द से जल्द वो धन गंवाना पड़ेगा.

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एक ही जगह रखा गया धन…

धन कमाना एक कला है लेकिन उसे ठीक से व्यय करना और उचित रूप से उसका प्रबंध भी उससे बड़ी कला है. अतः धन को कमाते ही न रहें बल्कि उसे बढ़ाते भी रहे. धन को कमाकर जमा न करते रहे बल्कि उसे जरूरी कामों में लगाए. चाणक्य कहते है कि जो व्यक्ति धन को केवल एकत्रित करके रखता है, उसका धन धीरे-धीरे नष्ट होते रहता है. अतः ऐसी स्थिति से बचने के लिए धन को ऐसी जगह लगाए जहां से हमें और फायदा मिल सके.

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धन का अत्यधिक उपभोग…

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धन कमाना, कैसे कमाना, किस तरह से कमाना इन बातों के अलावा इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि धन का उपभोग कैसे करना चाहिए. चाणक्य नीति (Chanakya Niti) की माने तो जिस तरह से धन कमाने में सदैव सोच-विचार करना चाहिए ठीक वैसे ही धन खर्च में भी सदा समझदारी दिखानी चाहिए. चाणक्य ने कहा है कि धन का अत्यधिक उपभोग करने से धन जल्दी नष्ट होने लगता है. वहीं एक समय ऐसा भी आता है जब संपन्न आदमी धन के लिए तरसने लगता है.

अतः आप योजना बनाकर धन कमाने के साथ उसका उपभोग करेंगे तो जीवन में धन संबंधित कभी किसी प्रकार की कोई समस्या आपको झेलनी नहीं पड़ेगी.

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