बॉलीवुड

चंबल में डाकूओं के बीच घिर गए थे अक्षय कुमार गोली चलने ही वाली थी, मुश्किल से बची थी जान

अक्षय कुमार भले ही आज पूरी दुनिया में मशहूर हो लेकिन एक वक्त ऐसा था जब उन्हें कोई नहीं जानता था यहां तक कि उन्हें दर-दर की ठोकरें खा कर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा था। उन्होंने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया है, इस सफर में कई बाधाएं भी सामने आईं जिनका खिलाड़ी कुमार ने डटकर सामना किया और यह मुकाम हासिल किया।

अक्षय कुमार ने अपने स्ट्रगल के दौरान की एक कहानी सुनाई है जिसको सुनकर हर कोई हैरान हो गया है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि अक्षय कुमार पहले मौत का सामना भी कर चुके हैं। ‌ टएक किस्सा शेयर करते हुए ने बताया कि कैसे एक बार उन्हें डाकूओं ने घेर लिया था और बड़ी मुश्किल से उनकी जान बची थी।

akshay kumar

एक बार अक्षय कुमार ने अनुपम खेर के शो ‘कुछ भी हो सकता है’ मैं अपने जीवन से जुड़े कई किस्से शेयर किया था जिसमें उन्होंने ट्रेन के अंदर डाकू से घिर जाने और लूटे जाने का किस्सा शेयर किया था। वह किस्सा हम आपको जस की तस यहां बता रहे हैं। खिलाड़ी ने बताया कि एक वक्त था जब उनके पास कोई काम नहीं था और वह कुछ भी करने को तैयार थे। उस वक्त वह जीने के लिए कुछ भी करना चाहते थे। जब कोई कहता था कि कुंदन की ज्वेलरी लेकर घूमने से पांच से सात हजार कमाए जा सकते हैं तो वो यह काम भी करते थे।

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यह वाकया भी उसी वक्त का है जब एक बार अक्षय कुमार मुंबई ज्वेलरी लेकर बेचने के लिए कहीं जा रहे थे। बकौल अक्षय “मैं फ्रंटियर मेल में यात्रा कर रहा था, बॉम्बे से काफी शॉपिंग कर के निकला था। फ्रैशन स्ट्रीट से मैंने करीब साढ़े 4-5 हजार रुपए की शॉपिंग की थी। उनमें मेरे कुछ कपड़े भी थे। मैंने सारा सामान अपने पास रखा हुआ था और ट्रेन में सफर कर रहा था। तभी चंबल में डाकू आ गए।

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मैं ट्रेन में करवट लेकर सो रहा था बोगी में थोड़ी आवाज हुई और मेरी नींद खुल गई। मैंने देखा हमारी बोगी में डाकू आ गए हैं। मैंने खुद से कहा “चुपचाप सोए रहना और अब कुछ मत बोलना बेटा” मैं लेटे लेटे देख रहा था कि वो सबका सामना उठा रहे थे। उन्होंने मेरा भी सारा सामान उठा लिया था और मैं कुछ नहीं कर पाया।

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उनके पास बंदूके की थीं अगर मैं शोर करता है तो वो मुझे गोली मार देते। उन्होंने मेरी चप्पल तक नहीं छोड़ी थी, मैं रो रहा था लेकिन मजबूरी में क्षं सोने की एक्टिंग कर रहा था। जब मैं दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरा तो मेरे हाथ खाली थे मेरे पास कुछ नहीं बचा था लेकिन किस्मत से मेरी जान बच गई।

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मैं आज सोचता हूं तो लगता है कि हां यार बहुत मेहनत की है मैंने, ऐसे ही सब कुछ इतनी आसानी से नहीं मिला मुझे। बता दे कि अक्षय ने ट्रैवलिंग एजेंट से लेकर रेस्टोरेंट मैं बतौर वेटर भी काम किया है। बाद में अच्छी लंबाई होने के चलते किसी ने उन्हें मॉडलिंग में आने के लिए कहा था और उसके बाद वह फिल्मी दुनिया में आ गया और कभी पलट कर नहीं देखा।

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