अध्यात्म

भीष्म ने बताई स्त्रियों की गुप्त बातें, जान कर रह जाएंगे दंग ? देखें वीडियो!

हमारे धर्म शास्त्रों में सबकुछ बताया गया है, अगर हम अपने धर्म शास्त्रों के अनुरूप चलें तो कभी भी पाप या अनिष्ट की तरफ नहीं बढ़ेंगे, स्त्रियों से जुडी कुछ बेहद महत्वपूर्ण बातें महाभारत के अनुशासन पर्व में बताई गई हैं, यह बातें तीरों की शैय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताई हैं, कि-

  1. स्त्रियों का अनादर नहीं करना चाहिए:

जिस घर में स्त्रियों का अनादर होता है वहां के सारे काम असफल हो जाते हैं, जिस कुल की बहू बेटियों को दुःख के कारण शोक होता है उस कुल का नाश हो जाता है, स्त्रियों को प्रसन्न रखकर पालन करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है.

  1. नाराज स्त्रियां दे देती हैं श्राप:

नाराज स्त्रियां जिन घरों को श्राप दे देती हैं. वह नष्ट हो जाते हैं, उनकी शोभा, समृद्धि और संपत्ति का नाश हो जाता है. संतान की उत्पत्ति, उनका पालन पोषण और लोकयात्रा का प्रसन्नता पूर्वक निर्वहन भी महिलाओं पर ही निर्भर है, यदि पुरुष उनका सम्मान करेंगे तो सभी कार्य पूर्ण हो जायेंगे.

  1. जहां होता है स्त्रियों का सम्मान वहीं होता है देवताओं का वास:

यदि स्त्री की मनोकामना पूरी नहीं की जाए तो वह पुरुष को प्रसन्न नहीं कर पाती. इसलिए स्त्रियों को सदा सत्कार और प्यार करना चाहिए. स्त्रियों के आदर पर देवता प्रसन्न होते हैं और घर में निवास करते हैं. स्त्री घर की लक्ष्मी है पुरुषों को उनका सत्कार करना चाहिए.

  1. स्त्रियां होती हैं घर की लक्ष्मी:

स्त्री को देवी लक्ष्मी का स्वरूप मानकर सम्मान करना चाहिए, जिन घरों में स्त्री का सम्मान होता है उनमें कभी धनधान्य की कमी नहीं होती है.

  1. बहू को मानें बेटी के समान:

जिस घर में बहू सुखी होती है उस घर की बेटी भी बहुत सुखी जीवन बिताती है, सुखी स्त्री का पति हमेशा सफलताओं को प्राप्त करता है. इससे घर पर देवी देवताओं की कृपा बनी रहती है.

  1. स्त्री पर हाथ उठाना पाप है:

जिस घर में स्त्रियों के साथ गलत व्यवहार होता यानी कि जिस घर में पति पत्नी पर हाथ उठाता है उस घर के पुरुषों का सर्वनाश हो जाता है. ऐसे घर में कभी तरक्की नहीं हो पाती है.

ये हैं स्त्रियों के बारे में वो प्रमुख और गुप्त बातें हैं जो भीष्म पितामह ने अनुशासन पर्व के दौरान धर्मराज युधिष्ठिर को बताई थीं. आप भी इन बातों का ध्यान रखें और स्त्रियों के प्रति पाप करने से बचें.

 

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