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स्वाद के लिए गौ हत्या ठीक नहीं, गाय को घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु : इलाहाबाद HC

हाई कोर्ट : जो गौ हत्या करेगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा, गाय को घोषित करें राष्ट्रीय पशु

हमारे देश में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है. गाय की पूजा की जाती है और सनातन धर्म में गौ माता का विशेष स्थान है. कहने को तो दुनियाभर के लिए गाय महज एक पशु है हालांकि भारत और हिंदू धर्म के लिए गाय का नज़रिया पूरी तरह बदला हुआ है. गाय एक पशु न होकर पूजनीय है और करोड़ों लोग गौ माता में आस्था रखते हैं.

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देश में समय-समय पर गौ माता को राष्ट्रीय पशु बनाए जाने की मांग भी उठती रही है और कई बार यह मुद्दा देश की सियासत से भी गूंजा है. हालांकि कभी बात नहीं बन पाई. लेकिन अब एक बार फिर से बड़े स्टार पर इस तरह की आवाज उठ रही है कि भारत का राष्ट्रीय पशु गाय को घोषित किया जाना चाहिए. बता दें कि, यह आवाज उठी है इलाहाबाद उच्च न्यायालय से. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसके पीछे कई कारण भी बताएं है. इस ऐलान के पीछे कोर्ट का उद्देश्य गाय की वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक व सामाजिक उपयोगिता को बताया गया है.

दरअसल, जावेद नाम के एक शख़्स द्वारा एक याचिका दायर की गई थी. जावेद की जमानत अर्जी पर शासकीय अधिवक्ता एसके पाल और एजीए मिथिलेश कुमार ने प्रतिवाद किया. जावेद पर यह आरोप लगा था कि उसने अपने साथियों के साथ जंगल से खिलेंद्र सिंह नाम के शख़्स की गाय चुराई थी और अन्य गायों सहित उनका गौ मांस एकत्रित किया. हालांकि सभी को रात के अंधेरे में टॉर्च की रोशनी में देखा गया था. इस कारनामे में जावेद मार्च 21 से जेल में बंद हैं.

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इस मामले में उसने जमानत की अर्जी लगाई थी हालांकि उसे कोर्ट ने खारज कर दिया. शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने गाय के कटे सिर से पहचान की थी. उसके देखते ही आरोपी मोटरसाइकिल छोड़ कर भगा खड़े हुए.

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कोर्ट ने इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए काफी कुछ कहा है. कोर्ट ने बताया कि हमारा देश पूरी दुनिया में अलग है. यहां सभी धर्मों, सम्प्रदायों के लोग रहते हैं. हालांकि सबकी सोच एक जैसी ही है. न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव द्वारा दिए गए आदेश में यह साफ़ तौर पर कहा गया कि गाय को मारने वाले को छोड़ा तो फिर अपराध करेगा.

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अदालत ने कहा कि गौ माता करोड़ों हिंदूओं की आस्था का विषय है. भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गो मांस खाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है. तीख़े शब्दों में अदालत ने कहा कि, जीभ के स्वाद के लिए गाय को मारना या गौ हत्या करना दंडनीय अपराध है. गाय भारतीय कृषि की रीढ़ है. गाय बूढ़ी हो जाए तो भी वो कृषि कार्यों में उपयोगी होती है.

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