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रवि दहिया ओलंपिक में पदक जीतने के बाद मंदिर में माथा टेकने पहुँचें। देखें तस्वीरें…

रजत पदक विजेता रवि दहिया पहुँचे भगवान के दर, टेका माथा और अगले ओलंपिक में गोल्ड के लिए की प्रार्थना। देखें तस्वीरें...

टोक्यो ओलंपिक में रेसलिंग में रजत पदक जीतकर भारत के नाम को चार चांद लगाने वाले पहलवान रवि दहिया आज़कल सुर्खियों में बनें हुए हैं। इतना ही नहीं टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के बाद कई खिलाड़ी भगवान के दर पर माथा टेक रहे हैं और पदक जीतने पर आभार जताने के साथ ही अगले ओलंपिक में गोल्ड मेडल की कामना कर रहे हैं।

बता दें कि इसी कड़ी में सोनीपत के गांव नाहरी के ओलंपियन रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीतने पर दो दिन पहले लखनऊ से लौटते समय हरिद्वार से पहले स्थित मंदिर में जलाभिषेक किया था। वहीं, रवि ने सोमवार को जम्मू में माता वैष्णो देवी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। वहीं इससे पहले रविवार को रवि ने अपने गांव के बाबा शंभूनाथ मंदिर में भी पूजा की थी। वहीं गौरतलब हो कि ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर पीवी सिंधू ने भी कई मंदिरों में पहुंचकर भगवान का आशीर्वाद लिया था।

Ravi Dahiya

बात रवि दहिया की करें, तो रविवार को रक्षाबंधन के दिन दोपहर में रवि अपने छोटे भाई पंकज व साथियों के साथ अपने गांव नाहरी पहुंचे। वहां उन्होंने गांव के दादा शंभूनाथ के मंदिर में पूजा की। इसके बाद रवि भाई पंकज व साजन के साथ दिल्ली से हवाई जहाज के जरिए जम्मू पहुंचे। वहां उन्हें एक कार्यक्रम में भाग लेना था। इसके बाद वे सोमवार तड़के माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकल पड़े।

 

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रवि ने भाई पंकज और साथियों के साथ माता के दर्शन कर ओलंपिक में मेडल के लिए आभार जताया और अगले ओलंपिक में गोल्ड मेडल की कामना की। बता दें कि पहलवान साजन ने बताया कि पूरे रास्ते रवि और अन्य साथी माता के जयकारे लगाते रहे। वहीं रास्ते भर में रवि के साथ फोटो खिंचवाने केे लिए लोगों में होड़ सी लग गई। रवि और अन्य लोग मंगलवार तड़के दिल्ली लौट गए।

इसके अलावा पहलवान साजन ने बताया कि लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सम्मानित होने के बाद वे हरिद्वार से पहले स्थित शंभूनाथ के मंदिर पहुंचे और वहां भगवान शिव का जलाभिषेक किया। रवि ने ओलंपिक से पहले भगवान भोलेनाथ से मन्नत मांगी थी वह टोक्यो से पदक लेकर लौटे।

Ravi Dahiya

सिल्वर मेडल जीतने के बाद रवि ने रूद्राभिषेक किया और अगली बार गोल्ड जिताने की मन्नत मांगी। वहीं दूसरी और रवि के पिता राकेश दहिया ने बताया कि टोक्यो से लौटने के बाद से रवि व्यस्त हैं। कई राज्यों के सम्मान समारोह के लिए रोज जाना पड़ रहा है। आगामी एक सप्ताह तक रवि का व्यस्त शेड्यूल है। उनके पड़ोसी गांव हलालपुर, किढ़ौली और पानीपत के एक गांव के लोग रवि को सम्मानित करना चाहते हैं लेकिन उन्हें समय नहीं मिल रहा। इसलिए सभी को थोड़ा रुकने को कहा गया है।

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बता दें कि रवि दहिया दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग लेते हैं। जहां से पहले ही भारत को दो ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त मिल चुके हैं। गौरतलब हो कि रवि के पिता राकेश कुमार ने उन्हें 12 साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम भेजा था, तब से वह महाबली सतपाल और कोच वीरेंद्र के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करते रहे हैं। उनके पिता ने कभी भी अपनी परेशानियों को दहिया की ट्रेनिंग का रोड़ा नहीं बनने दिया।

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वह रोज खुद छत्रसाल स्टेडियम तक दूध और मक्खन लेकर पहुंचते जो उनके घर से क़रीब 60 किलोमीटर दूर था। वह सुबह साढ़े तीन बजे उठते, पांच किलोमीटर चलकर नजदीक के रेलवे स्टेशन पहुंचते। रेल से आजादपुर उतरते और फिर दो किलोमीटर चलकर छत्रसाल स्टेडियम पहुंचते। फिर घर पहुंचकर खेतों में काम करते और यह सिलसिला 12 साल तक चला। जिसके बाद बेटे रवि से टोक्यो में पदक जीतकर पिता का सिर फ़ख़्र से ऊंचा किया।

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