राजनीति

किसानों की कर्ज माफी : क्या 2019 के लिए फायदा से ज्यादा नुकसान पहुंचायेगा मोदी का ये ऐलान?

मध्य प्रदेश – यूपी के किसानों की कर्जमाफी केन्द्र सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। देश के अन्य प्रदेशों के किसान भी अब अपना कर्ज माफ कराने के लिए आंदोलन करने लगे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही तमिलनाडु के किसानों ने कर्जमाफी के लिए दिल्ली पहुंचकर आंदोलन किया। ऐसे ही कुछ अन्य राज्यों में यह मांग उठने लगी है। अभी ताजा मामला मध्य प्रदेश का है जहां के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन के दौरान हुई पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई। कल नासिक में दो किसानों ने आत्महत्या कर ली। मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में भी किसान अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं। Farmer loan yogi adityanath.

कर्ज माफी का ऐलान, मिशन 2019 के लिए चुनौती :

किसानों के विरोध प्रदर्शन बीजेपी की सरकार वाले चार राज्यों में ही हो रहे हैं। सवाल ये है कि बीजेपी की सरकार वाले राज्यों में ही किसान क्यों आंदोलन कर रहे हैं? और क्या यूपी में किसानों की कर्ज माफी का पीएम मोदी का ऐलान बीजेपी के लिए मिशन 2019 में चुनौती बन गया है?

इन चारों राज्यों में होने वाले किसानों के विरोध के पीछे का असल वजह यूपी की योगी सरकार का वह फैसला है, जिसमें उन्होंने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी। जिसका ऐलान चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने किया था। मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में ही किसानों का 36 हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया कर्ज माफ कर दिया था।

अन्य राज्यों के किसानों में आक्रोश :

योगी सरकार के इस फैसले के बाद दूसरे राज्यों के किसानों को भी ऐसा लगने लगा है कि उनका भी कर्ज माफ किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के किसानों ने आंदोलन किया और विरोध में सड़कों पर दूध बहाया, हाईवे पर सब्जियां फेंकी। यूपी सरकार के इस फैसले का असर मध्यप्रदेश या महाराष्ट्र के अलावा, गुजरात और राजस्थान में भी नजर आ रहा है। गुजरात के किसानों ने आलू के भाव और खेती के लिए पानी न मिलने के कारण सड़कों पर आलू फेंककर प्रदर्शन किया। यूपी के किसानों के कर्ज माफ होने के बाद मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के किसान आंदोलन कर रहे हैं।

आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में देशभर के किसानों पर 12 लाख 60 हजार करोड़ का कर्ज है, जिसकी मांग करने का मतलब अर्थव्यवस्था को एक और झटका देना होगा। NCRB के आकड़ों के मुताबिक, 2001-15 के बीच देश के 2 लाख 34 हजार 642 किसानों ने आत्महत्या की है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात सरकार को भी किसानों का गुस्सा शांत करने के लिए योगी सरकार जैसा फैसला करना होगा अन्यथा बीजेपी के मिशन 2019 में यह एक बड़ी चुनौती हो सकता है।

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