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तालिबान पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका ने उठाया कड़ा कदम, पैसे पैसे को तरसेगा तालिबान

बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना वापस लाने का फैसला सही थी। अफगान सेना व नेताओं ने ही बिना लड़े हथियार डाल दिए। अशरफ गनी बिना लड़े ही देश छोड़कर भाग गए। बेशक अफगानिस्तान के हालात विकट हैं, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार अशरफ गनी हैं। दुनिया को उनसे सवाल पूछने चाहिए। बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज ने बहुत जोखिम उठाया है। मैं अब अपने सैनिकों की जान खतरे में नहीं डाल सकता। अफगान सेना को अत्याधुनिक हथियार और प्रशिक्षण दिया, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया।

अफगानिस्तान की स्थिति पर अमेरिका ने अपनी नजर बनाई हुई है और बिगड़ते हुए हालातों को काबू में करने के लिए  सख्त कदम उठाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब 9.5 अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी है। इतना ही नहीं देश के पैसे तालिबान के हाथ न चले जाएं। इसके लिए अमेरिकी ने अफगानिस्तान को कैश की सप्लाई भी रोक दी है।

अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि भी की है। अधिकारी के अनुसार अमेरिका में अफगान सरकार के सेंट्रल बैंक की कोई भी संपत्ति तालिबान को नहीं दी जाएगी। ये संपत्ति ट्रेजरी डिपार्टमेंट की प्रतिबंधित सूची में बनी रहेगी। हालांकि, इसको लेकर यूएस ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है और इस बारे में किसी भी तरह का बयान नहीं दिया है।

बैंक के मुखिया ने भी किया था ट्वीट

अफगान सेंट्रल बैंक के मुखिया अजमल अहमदी को अमेरिका के इस कदम की जानकारी पहले ही लग गई थी और सोमवार को ही इन्होंने इस बात की आशंका जाहिर की थी। सोमवार को ट्विट करते हुए इन्होंने कहा था कि अमेरिका की ओर से डॉलर की शिपमेंट रुकने वाली है। क्योंकि यूएस किसी भी सूरत में ये नहीं चाहता कि ये फंड तालिबान के हाथों में लगे। अमेरिका की ओर से उठाए गए इस कदम से तालिबान अब फंड का इस्तेमाल नहीं कर सके हैं।

इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगान से अपने देश की सेना को बुलाए जाने के फैसले को सही करार दिया है। बाइडन ने कहा कि अगर अफगानी सैनिक नहीं लड़ते तो मैं कितनी पीढ़ियों तक अमेरिकी बेटे-बेटियों को यहां भेजता रहूं। मेरा जवाब साफ है। मैं वो गलतियां नहीं दोहराऊंगा जो हम पहले कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैनिक किसी ऐसे युद्ध में नहीं मर सकते जिसमें अफगान बल अपने लिए लड़ना ही नहीं चाहते।

जो बाइडन ने अफगान नेतृत्व को बिना किसी संघर्ष के तालिबान को सत्ता सौंपने के लिए जिम्मेदार ठहराया। साथ ही तालिबान को चेतावनी भी दी कि अगर उसने अमेरिकी कर्मियों पर हमला किया या देश में उनके अभियानों में बाधा पैदा की तो अमेरिका चुप नहीं रहेगा।

 

ट्विटर पर एक वीडियो संदेश में इन्होंने कहा कि मैं चौथा ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति हूं जिसने अफगानिस्तान में युद्ध की स्थिति देखी है। ऐसे दो डेमोक्रेट और दो रिपब्लिकन राष्ट्रपति रहे हैं। मैं ये जिम्मेदारी पांचवें राष्ट्रपति के लिए नहीं छोड़ूंगा। मैं ये दावा करके अमेरिकी लोगों को धोखा नहीं दूंगा कि अफगानिस्तान में थोड़ा समय और गुजार कर हम परिवर्तन ले आएंगे।

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