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योगी सरकार का छात्रों को तोहफा, 1 लाख मेधावी छात्रों को मिलेगी 10-10 हजार की छात्रवृत्ति

प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। एक समय था जब उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था काफी तगड़ी थी। बोर्ड परीक्षाओं में नकल का नामों-निशान नहीं था। कल्याण सिंह के शासन में कोई छात्र अगर बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी लाता था तो उसकी आस-पास के गांवों में भी चर्चा होती थी। लेकिन आज नकल की वजह से हर कोई 70 प्रतिशत आसानी से ले आ रहा है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए स्वकेंद्र की प्रणाली को खत्म करने के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही हर मेधावी छात्र को जो दशवीं पास करता है उसे 10-10 हजार की छात्रवृत्ति देने का भी ऐलान किया है। साथ ही उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के जुड़े मामले निपटाने के लिए राज्य शैक्षिक अधिकरण का भी गठन किया जायेगा।

12वीं की छात्राओं को दिए जाते थे 30-30 हजार रूपये:

माध्यमिक शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान डॉ. शर्मा ने सोमवार को ये निर्देश दिए थे। बैठक के दौरान प्रदेश की 1 लाख मेधावी छात्राओं को एक साथ 10 हजार देने की भी बात की गयी। मुख्य सचिव राजा प्रताप सिंह को इसके लिए बजट का प्रबंध करने का निर्देश भी दिया गया है। अभी तक 12वीं पास करने वाली सभी छात्राओं को 30-30 हजार रूपये एकमुश्त दिए जाते थे।

बोर्ड सेंटरों पर करवाई जाएगी वीडियोग्राफी:

अब से इसकी जगह 1 लाख मेधावी छात्राओं को एकमुश्त 10-10 हजार रूपये दिए जायेंगे। बैठक के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उच्च और माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों के मामले न्यायालय से बाहर निपटाए जाएं। नकल रोकने के लिए सभी बोर्ड सेंटरों पर वीडियोग्राफी करवाई जाये। सभी सरकारी महाविद्यालय 10 जुलाई को और सभी सहायता प्राप्त महाविद्यालय 15 जुलाई को खोले जायेंगे।

स्वकेंद्र प्रणाली की वजह से ही गिर रहा है शिक्षा का स्तर:

जानकारी के लिए आपको बता दें कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के सबसे ज्यादा मामले न्यायालय में लटके पड़े हैं। विभाग के हर साल लाखों रूपये इसकी पैरवी में खत्म हो जाते हैं। अब से इन मामलों को न्यायालय से बाहर निपटाने का प्रयास किया जायेगा। अभी भी यूपी बोर्ड में स्वकेंद्र परीक्षा प्रणाली लागू है, इसे जल्द से जल्द खत्म किया जाए। आपको बता दें कि स्वकेंद्र परीक्षा प्रणाली की ही वजह से प्रदेश का शिक्षा स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है।

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