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काबुल का वह आखिरी पुजारी जो तालिबान से डरकर भागा नहीं, मंदिर के लिए जान भी देने को है तैयार

जब हम किसी चीज के प्रति सच्ची आस्था और प्रेम रखते हैं तो उसकी खातिर कुछ भी कर गुजरने को रेडी रहते हैं। भगवान के प्रति मोह भी कुछ ऐसा ही है। एक सच्चा भक्त अपने भगवान, धर्म और कर्तव्य को किसी भी हालत में छोड़ने को तैयार नहीं होता है। वह अपनी अंतिम सांस तक अपने भगवान का साथ देता है। उसकी पूजा अर्चना में लगा रहता है। एक तरह से उसका पूरा जीवन ही भगवान को समर्पित रहता है। अब अफगानिस्तान के काबुल में रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार को ही देख लीजिए।

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गौरतलब है कि इस समय अफगानिस्तान देश तालिबान के कब्जे में है। उसके कब्जे के साथ ही पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है। कुछ ही दिनों में तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। ऐसा कर उन्होंने पश्चिम समर्थित अफगान सरकार को अपने सामने झुकने तक पर मजबूर कर दिया है।

Ashraf Ghani

यही वजह है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी सही कई लोग अपनी जान बचाते हुए देश छोड़कर जा रहे हैं। खबर तो ये भी आई कि राष्ट्रपति अशरफ गनी भागने से पहले अपने साथ 1 हेलीकाप्टर और 4 कार भरकर पैसे भी ले गए। वे तो और भी अधिक पैसा ले जाना चाहते थे लेकिन जगह की कमी की वजह से ऐसा न कर सके।

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अब जहां एक तरफ देश का सबसे पॉवरफूल शख्स पैसों और जान के लालच में देश छोड़ जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश के एक हिंदू मंदिर का साधारण सा पुजारी देश छोड़ने को तैयार नहीं है। उसने अपने काबुल स्थित रतन नाथ मंदिर को छोड़कर भागने से इनकार कर दिया है। उसे काबुल का आखिरी पुजारी भी बताया जा रहा है।

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काबुल के रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार का कहना है कि मेरे पूर्वजों ने कई सालों तक इस इस मंदिर की सेवा की है। ऐसे में मैं इसे छोड़कर नहीं जा सकता हूं। यदि तालिबान मुझे मारता है, तो मैं इसे अपनी सेवा मानता हूं। वे आगे बताते हैं कि कुछ हिंदुओं ने मुझसे काबुल छोड़ने की विनती की थी। उन्होंने मेरी यात्रा और ठहरने की व्यवस्था करने का ऑफर भी दिया था। लेकिन मैं यह मंदिर छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा।

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उधर भारत में पुजारी राजेश कुमार को इंडिया लाने की मांग उठने लगी है। विप्र सेना प्रमुख सुनील तिवारी ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि काबुल में रत्ननाथ मंदिर के पुजारी राजेश कुमार शर्मा को हिंदुस्तान लाया जाए। उन्होंने ये तक कहा कि पुजारी के भारत आने पर उनके लिए एक मंदिर बनाया जाए ताकि वे अपनी आगे की जिंदगी अच्छे से यापन कर सके। इस मंदिर निर्माण में जो भी समय लगेगा उस तब तक राजेश शर्मा को सभी प्रकार की सुविधाएं निशुल्क विप्र सेना के द्वारा प्रदान की जाएगी।

वहीं सोशल मीडिया पर लोग पंडित की तारीफ़ों के पूल बांध रहे हैं। लोग उनकी भगवान को लेकर भक्ति और मंदिर को लेकर अपने कर्तव्य की सराहना कर रहे हैं। लोगों को विश्वास है कि भगवान उनकी रक्षा जरूर करेगा। उनकी भक्ति की मिसाल भी सोशल मीडिया पर साझा की जा रही है।

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