राजनीति

कांग्रेस के हिसाब से कश्मीर पर भारत का अवैध कब्जा! देख लिजिए ये सबुत!

नई दिल्ली – इस वक्त कांग्रेस के दिन वाकई काफी बुरे चल रहे हैं। पार्टी रोज नए विवादों में फंस रही है। वो भी ऐसे ऐसे विवादों में जो उसके लिए आखिरी गलती भी साबित हो सकते हैं। पार्टी के नेता द्वारा केरल में सारे आम गाय काटने का विवाद अभी आग की तरह धधक ही रहा था कि पार्टी ने रविवार को एक और नया विवाद जन्म दे दिया। यह विवाद उस वक्त पैदा हुआ जब केंद्र में बीजेपी की सरकार के तीन साल पूरे होने पर कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेता और उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद मीडिया से बात कर रहे थे। इस मौके पर पार्टी ने मोदी सरकार की विफलताओं पर बुकलेट जारी किया, जिसमें पार्टी ने ऐसी गलती कर दी जो उनके लिए सिरदर्द साबित हो रही है। Congress Indian Occupied Kashmir.

मोदी को घेरने के चक्कर में खुद घिर गई कांग्रेस :

Congress Indian Occupied Kashmir

भारत पूरे कश्मीर को अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। लेकिन, कांग्रेस के मुताबिक कश्मीर पर भारत का अवैध कब्जा है। दरअसल, उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने 16 पन्नों का जो बुकलेट जारी किया है उसमें 11 वें पन्ने पर चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडॉर का जिक्र करते हुए एक मैप दिखाया गया है, जिसके मुताबिक कश्मीर का इलाका ‘भारत अधिकृत कश्मीर’ है।

इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस की जमकर खिंचाई हो रही है। लोग लिख रहे हैं कि सड़क पर गाय काटोगे, कश्मीर को भारत अधिकृत कश्मीर लिखोगे और अलगाववादियों से बात करोगे। लेकिन जब चुनाव हारोगे तो ईवीएम को दोष दोगे।

बुकलेट के जरिए मोदी सरकार पर साध रहे थे निशाना :

Congress Indian Occupied Kashmir

दरअसल, इस बुकलेट के जरिए कांग्रेस का उद्देश्य मोदी सरकार के तीन साल के कामकाज को विफल बताना था। इस बुकलेट को जारी करते हुए गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि NDA सरकार के कार्यकाल में पिछले 3 साल के दौरान देश के 578 जवान शहीद हुए और 877 नागरिक मारे गए हैं।

गुलाम ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर में ही 203 जवान शहीद हुए, पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में 1343 बार घुसपैठ की तथा 6 महीनों में 3 बार हमारे 6 जवानों के शव क्षत-विक्षत किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने कोई ठोस काम नहीं किया गया। बस वो मोदी पीएम पद के उम्मीदवार की हैसियत से चुनावी रैलियों में बड़ी-बड़ी बाते करते थे।

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