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ये नया इंडिया है! अब राजीव गांधी खेल रत्न नहीं, मेज़र ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहिए…

खेल दिवस से पहले खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए मोदी सरकार की नई सौग़ात। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदला...

देश में बीते सात वर्षों से लगातार खेल संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। एक समय था। जब देश में खेल का मतलब सिर्फ़ क्रिकेट हो चला था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने यह समझा कि अन्य खेलों को बढ़ावा देकर भी देश को एक नई ऊंचाइयों की तरफ़ ले जाया जा सकता है। फ़िर उन्होंने खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ‘खेलो इंडिया’ जैसे अभियान की शुरुआत की। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही देन है कि आज देश में ओलंपिक को लेकर अलग तरीक़े का माहौल देखने को मिल रहा है। वरना इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज चल रही हो और लोग बात हॉकी और ओलपिंक की करें। यह शायद पहले कभी नहीं हुआ।

Major Dhyan Chand Khel Ratna Award

बता दें कि देश ओलिंपिक के रंग में सराबोर है। टोक्यो गए एथलिटों के प्रदर्शन पर देश भर की निगाहें जमी हुई है। देश के लोग अपने एथलीटों के गले में तमगा देखने को बेचैन है। कुछ हद तक खिलाड़ियों ने उनकी बेचैनी को दूर भी किया है। लेकिन भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में जितना भी जीतें, सब ऐतिहासिक ही है। वहीं इसी बीच सबसे ऐतिहासिक काम किसी ने किया तो वह भारतीय हॉकी टीम ने किया।

india hockey

41 साल बाद पुरुष हॉकी टीम ने मेडल जीता, तो महिला टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल तक पहुंची। क्रिकेट धून में झूमने वाले देश से अब हॉकी का खुमार नहीं उतर रहा और इसी बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है। जी हां जिसकी मांग लंबे समय से चली आ रही थी। उसे मोदी सरकार ने एक झटके में पूरा कर दिया है।


बता दें कि अब राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के नाम से जाना जाएगा। ‘हॉकी के जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद ने भारत को लगातार 3 बार ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलवाया था। ऐसे में कहीं न कहीं यह मोदी सरकार का बड़ा और साहसिक क़दम है। राजीव गांधी खेल रत्न भारत का खेल जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस पुरस्कार का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि, “मुझे पूरे भारत के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।”

Major Dhyan Chand Khel Ratna Award

गौरतलब हो कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम के ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में पहुंचते ही लोगों के जेहन में अचानक ध्‍यानचंद आने लगे। जिसके बाद सोशल मीडिया में लोग ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ अवार्ड का नाम बदलकर ‘मेजर ध्‍यानचंद अवार्ड’ करने की मांग करने लगे। इसको देखते हुए मोदी सरकार ने इस पुरस्कार का नाम बदल दिया है। अब इसे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा।


कब से हुई इसकी शुरुआत…

Major Dhyan Chand Khel Ratna Award

जानकारी के लिए बता दें कि खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत साल 1991-92 में हुई थी। खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता के लिए इस सम्मान की स्थापना की गई थी। वहीं शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद इस पुरस्कार को पाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।

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मालूम हो खेल रत्न पुरस्कार का मकसद खिलाड़ियों को सम्मानित कर समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाना है। पुरस्कार में खिलाड़ियों को सम्मान के रूप में एक पदक, सम्मान सहित एक प्रमाण पत्र और नकद इनाम मिलता है। साल 2004-05 तक, इनाम की नकद राशि 5,00,000 रुपये थी। जिसे बढाकर अब 7,50,000 रुपये कर दिया गया है। खेल रत्न पुरस्कार खिलाड़ियों को हर साल दिया जाता है, जिसमें बेहतर खेल प्रदर्शन के लिए खिलाड़ी या टीम को सम्मानित किया जाता है।

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कैसे तय होते हैं पुरस्कार के लिए खिलाड़ियों के नाम…

बता दें कि किसी भी वर्ष के लिए नामांकन 30 अप्रैल तक या अप्रैल के अंतिम कार्य दिवस तक स्वीकार किए जाते हैं। इसमें एक खेल के दो खिलाड़ियों से अधिक को नामित नहीं किया जा सकता। जिसके बाद एक बारह सदस्यीय समिति ओलिंपिक खेलों, पैरालिंम्पिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में एक खिलाड़ी के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है। समिति बाद में खेल एवं युवा मंत्री के पास मंजूरी के लिए अपनी सिफारिशें भेजती है।

2020 में इन खिलाड़ियों को मिला खेल रत्न पुरस्कार…

Major Dhyan Chand Khel Ratna Award

वहीं आख़िर में बात साल 2020 में खेल रत्न पुरस्कार मिलने वाले खिलाड़ियों की करें। तो इसमें क्रिकेटर रोहित शर्मा, भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और पैरालंपिक हाई जंप के खिलाड़ी मरियप्पन थंगवेलु शामिल थे।

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