समाचार

NIA को मिले पुख्ता सबूत की पाकिस्तान करता है आतंकवादियों की आर्थिक मदद!

पाकिस्तान और आतंकवाद का बहुत ही पुराना रिश्ता है। जब भी आतंकवाद की बात होती है तो पाकिस्तान का नाम अपने आप ही आ जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि पाकिस्तान और आतंकवादियों के कई बार सबूत मिल चुके हैं। हालांकि ये कहना गलत होगा कि पूरे पाकिस्तान के लोग आतंकवादियों को समर्थन देते हैं। वहां भी कुछ ऐसे लोग रहते हैं, जो आतंकवादियों का घोर विरोध करते हैं।

अलगाववादी संगठनों के नेताओं ने दी जानकारी:

अभी हाल ही में भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने अपनी जांच के दौरान ये पाया कि जम्मू कश्मीर के आतंकवादी संगठन और अलगाववादियों को मिलने वाली आर्थिक मदद के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। आपको बता दें जांच के दौरान NIA ने अलगाववादी संगठनों के नेताओं से बात करके इस बात की पुष्टि की है, कि उन्हें और आतंकियों को आर्थिक मदद पाकिस्तान की तरफ से ही मिलती है।

सूत्रों के अनुसार जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठनों और आतंकवादी संगठनों को भेजी जा रही आर्थिक मदद का ब्यौरा पाकिस्तान ईमेल के जरिये भेज रहा था, जो NIA के हाथ लग गया। ईमेल से यह बात साफ हो जाती है कि जम्मू कश्मीर के आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और अन्य अलगाववादी संगठनों को पाकिस्तान हवाला के जरिये पैसा भेजता है।

पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से करते हैं पैसे की मांग:

पाकिस्तान द्वारा भेजे जाने वाले पैसे का कहां और किस तरह इस्तेमाल करना है, इसकी भी पूरी जानकारी NIA के हाथ लगी है। जम्मू कश्मीर के आतंकवादी और अलगाववादी संगठन पाकिस्तान के सक्रिय आतंकवादी संगठनों से जरूरत के हिसाब से पैसे की मांग करते हैं। पकड़े गए ईमेल से यह भी पता चला कि अलगाववादी संगठन आईएसआई को कार्यकर्ताओं की संख्या, फरार लोगों की जानकारी, बंद आतंकवादियों की जानकारी और उनके परिवार वालों का पूरा ब्यौरा देते थे।

केवल यही नहीं पैसे पाने के लिए अलगाववादी संगठन यहां के युवाओं की शैक्षणिक स्थिति, संख्या और उम्र का भी ब्यौरा देते थे। जांच के दौरान यह भी पता चला कि हवाला के जरिये आने वाले पैसे का यहां के अलगाववादी संगठन आस-पास के इलाकों में संपत्ति के कारोबार में भी पैसा लगाते थे। ये निर्देश उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से दिए जाते थे। इस खुलासे के बाद NIA ने अलगाववादी संगठनों के संपत्ति में निवेश की जांच शुरू कर दी है।

Back to top button