बायोग्राफी

संघर्ष भरी थी अभिनेत्री दीना पाठक की जिंदगी, दर्जी के प्यार में पड़कर कर ली थी उससे शादी फिर…

दिग्गज अदाकारा दीना पाठक ने फिल्मी जगत में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी है। इन्होंने कई सारी फिल्मों में अभिनय किया है। हालांकि इतनी कामयाबी हासिल करने के बाद भी ये ताउम्र किराये के मकान में रही और अपने जीवन के अंतिम दिनों में जाकर एक घर खरीदा पाई। गुजरात के अमरेली में 4 मार्च, 1922 को जन्मी दीना पाठक ने बलदेव पाठक से शादी की थी। वो मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास कपड़े सिलने की दुकान चलाते थे।

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बलदेव पाठक से मिलते ही दीना पाठक को उनसे प्यार हो गया। जिसके बाद इन्होंने बिना देरी किए इनसे शादी कर ली। इनको दो लड़कियां हुईं। दीना पाठक की बड़ी बेटी रत्ना पाठक शाह और छोटी बेटी सुप्रिया पाठक हैं। रत्ना की शादी नसीरुद्दीन शाह से हुई और सुप्रिया पंकज कपूर की दूसरी पत्नी हैं।

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संघर्ष भरी रही जिंदगी

दीना पाठक के पति बलदेव पाठक राजेश खन्ना और दिलीप कुमार के कपड़े डिजाइन करते थे। उन्होंने ही राजेश खन्ना के लिए ‘गुरु कुर्ता’ और ऐसे अन्य कपड़े डिजाइन किए थे। लेकिन राजेश खन्ना का करियर जब खत्म होने लगा तो दीना पाठक के पति की आमदनी भी कम होने लगी और इनकी दुकान तक बंद हो गई। जिसके कारण सारे परिवार की जिम्मेदारी दीना पाठक पर आ गई। वहीं 52 साल की उम्र में दीना पाठक के पति का निधन हो गया।

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दीना पाठक ने अकेले ही अपनी बेटियों की जिम्मेदारी उठाई और उन्हें अच्छे से पढ़ाया। फिल्मों के साथ-साथ ये थियेटर में भी काफी सक्रिय थीं। जिसके कारण दीना पाठक की दोनों बेटियां रत्ना और सुप्रिया थियेटर में आईं। कई सालों तक थियेटर में काम करने के बाद इन्हें फिल्में मिलने लगी। फिल्मों के अलावा दीना पाठक की बेटियां कई नाटकों में भी नजर आई हैं और आज ये जाना माना चेहरा बन गई हैं।

निकाला गया था कॉलेज से

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मार्च 1979 में ‘फिल्मफेयर’ पत्रिका में दीना पाठक ने बताया था कि वो स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान काफी सक्रिय थी। जिसके कारण मुंबई की सेंट जेवियर्स कॉलेज से उन्हें निकाल दिया गया था। कॉलेज से बाहर निकाले जाने के बाद उन्होंने दूसरे कॉलेज में पढ़ाई कर अपनी बी.ए. की डिग्री ली।

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दीना पाठक ने 120 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और उनका अभिनय करियर 60 साल लंबा है। इन्होंने जीवन के अंतिम सालों में भी फिल्मों में अभिनय किया। वहीं 11 अक्टूबर, 2002 को मुंबई में उनकी मृत्यु हो गई, उस वक्त इनकी आयु 80 साल की थीं।

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अपनी मां को याद करते हुए बड़ी बेटी रत्ना ने एक बार कहा था कि हम पहले बहुत लड़ते-झगड़ते थे। बाद में हमारा रिश्ता अलग तरीके का हो गया। हम दोस्त बन गए। मैं मां से किसी भी विषय पर बात कर सकती थी। जब वो हमें छोड़कर गईं तो मेरी प्यारी दोस्त बन गई थीं।

इन रोल के लिए जानी जाती हैं

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दीना पाठक ने कई यादगार रोल किए हैं। जिनके लिए ये आज भी जानी जाती हैं। ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘गोलमाल’ (1979) में ये रामप्रसाद/लक्ष्मण प्रसाद की नकली मां बनी थी। लोगों को ये रोल काफी पसंद आया था। फिल्म ‘खूबसूरत’ में ये गुप्ता परिवार की कड़क मुखिया निर्मला गुप्ता बनी थीं। गुलजार की फिल्म ‘मीरा’ (1979) में इन्होंने राजा बीरमदेव की रानी कुंवरबाई का रोल किया था। गोविंद निहलानी की सीरीज ‘तमस’ (1988) में इन्होंने बंतो की भूमिका निभाई थी।

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