राजनीति

आख़िर प्रशांत किशोर ने एक इंटरव्यू में क्यों कहा कि कांग्रेस 1984 में ही ख़त्म हो गई थी…

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को लेकर एक इंटरव्यू में कही थी ऐसी बात, जिसकी सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा...

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) कहीं न कहीं सक्रिय राजनीति में न होने के बावजूद भी लगातार सुर्खियों में बनें रहते हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से उन्होंने मुलाकात की। जिसके बाद से लगातार यह सियासी कयास लगाएं जा रहें हैं कि कहीं प्रशांत किशोर आगामी दौर में कांग्रेस पार्टी तो जॉइन नहीं करने वाले? इतना ही नहीं राजनीतिक पंडित तो यह भी कह रहे कि शायद प्रशांत किशोर 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मज़बूत करने में लगें है।

prashant kishor

जो भी हो लेकिन इन्हीं सियासी संभावनाओं के बीच प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का एक इंटरव्यू इन दिनों सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां वह कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर खुलकर बात करते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि इस इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों को गलतफहमी है कि कांग्रेस, 2014 के लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कमजोर हुई, जबकि पार्टी का पतन तो 1985 से ही शुरू हो गया था। ऐसे में आइए जानते हैं विस्तार से कि आख़िर प्रशांत किशोर कांग्रेस और राहुल गांधी के बारें में क्या विचार रखते हैं।

prashant kishor

गौरतलब हो कि जिस इंटरव्यू की चर्चा आज़कल सोशल मीडिया पर छिड़ी हुई है। वह वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त द्वारा लिया गया इंटरव्यू है। जिसमें प्रशांत किशोर बेबाक़ी के साथ अपने विचार रखते हुए नज़र आते हैं। बता दें कि बरखा दत्त के साथ इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी का मानना है कि कांग्रेस की वापसी अपने परंपरागत तरीकों से ही होगी। वहीं राहुल गांधी के साथ अपने वैचारिक मतभेदों पर चर्चा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग गफलत में हैं कि कांग्रेस 2014 के बाद से कमजोर हुई है। जबकि सच्चाई यह है कि उसका पतन 1985 से ही शुरू हो गया था। लोग भूल रहे हैं कि 1989 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राजीव गांधी की अगुवाई में 197 सीटें जीती थीं। इन नंबरों को देखने के बाद हर किसी ने इसे कांग्रेस की हार घोषित कर दिया था।

prashant kishor

इतना ही नहीं प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने इंटरव्यू में अपनी बात आगे रखते हुए कहा कि अगर 2004 के लोकसभा चुनावों की बात की जाए जिसे कांग्रेस की जीत के तौर पर याद रखा जाता है। तो उस समय कांग्रेस के खाते में 140 के आस -पास सीटें आईं थीं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कांग्रेस का पतन उसी समय से शुरू हो गया था। उन्होंने बताया कि यह पहला मतभेद है जो मेरे और राहुल गांधी के बीच है।

राहुल गांधी के साथ वैचारिक मतभेदों पर हो रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी का मानना है कि नरेंद्र मोदी को हाराना ही पार्टी का टारगेट होना चाहिए। जबकि मेरा मानना है कि अगर आप 48 साल के हैं और कांग्रेस के अध्यक्ष बन जाते हैं, तो भूल जाइए कि आप मोदी को हरा सकते हैं या नहीं। पहले कांग्रेस को अगले 5 या 8 साल के लिए ध्यान रखकर नीति तैयार करनी चाहिए।

Prashant Kumar Interview

वहीं इस साक्षात्कार में प्रशांत किशोर नरेंद्र मोदी औऱ राहुल गांधी के बीच अंतर पूछें जाने पर कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी एक जोखिम उठाने वाले व्यक्ति हैं, उनके अंदर हिम्मत है जिसके आधार पर वह बड़े फैसले ले सकते हैं। जबकि राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके ऊपर एक 100 साल पुरानी पार्टी की जिम्मेदारी है। जहां चीजें बदलना आसान नहीं है। उस पार्टी के मुकाबले जो सिर्फ 30 साल पहले बनी हो।

Prashant Kumar rahul gandhi

ऐसे में एक चीज़ तो है प्रशान्त किशोर भले आगामी समय में कांग्रेस का दामन थाम लें या कांग्रेस पार्टी की चुनावी रणनीति बनाएं। ये बातें तो भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन उन्होंने जिन बातों का ज़िक्र बरखा के साथ इंटरव्यू में कही। वह कहीं से कहीं तक ग़लत नहीं है। वहीं यह तो आप सभी जानते हैं कि प्रशान्त किशोर वही हैं। जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के साथ काम किया था। जहां बीजेपी को अप्रत्याशित जीत मिली थी। इसके कुछ समय बाद वह बीजेपी और मोदी से अलग हो जाते हैं। फ़िर प्रशांत किशोर ने अलग अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने काम किया और उन्हें कामयाबी भी मिली। जिसमें बिहार में नीतीश कुमार, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी शामिल हैं और अब ऐसी चर्चा गर्म है कि वह मज़बूत विपक्ष को खड़ा करके 2024 में मोदी को टक्कर देना चाहते हैं।

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