अध्यात्म

शनिदेव को तेल है काफ़ी पसन्द, शनिवार के दिन तेल से करें यह उपाय मनोकामनाएं होंगी पूरी

Shanidev

शनिवार, शनिदेव का दिन होता है। शनिदेव को तेल काफ़ी पसन्द होता है। हम अपने आसपास कई बार देखते है कि कुछ पंडा-पुजारी इस दिन तेल मांगने आते है। इतना ही नहीं मानव जीवन में भी तेल का काफ़ी महत्व होता है। ज्‍योतिष में शनि को न्‍याय का देवता और बहुत अहम ग्रह माना गया है। इन्हें न्यायाधीश का दर्जा मिला हुआ है। बता दें कि ज्योतिष के अनुसार शनिदेव लोगों को उनके कर्मफ़ल के अनुसार न्याय प्रदान करते है। जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति नकारात्‍मक होती है, उन्‍हें बेहतरी के लिए कई उपाय (Remedy) बताए जाते हैं, इनमें जिन चीजों का उपयोग होता है उसमें से तेल एक अहम वस्तु है। आज हम जानते हैं कि ज्‍योतिष (Astrology) के मुताबिक किस तेल का क्‍या उपयोग है।

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चमेली का तेल…

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हर मंगलवार या शनिवार को हनुमान जी (Hanuman Ji) को सिन्दूर और चमेली का तेल अर्पित करना ज्योतिष के अनुसार शुभ फ़लदायक होता है। इस तेल का दीया नहीं जलाना है बल्कि उनके शरीर पर तेल लगाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही साथ हनुमान जी उक्त व्यक्ति पर अपनी दयादृष्टि बनाएं रखते हैं। यह तो हम सभी को पता है कि हनुमान जी और शनिदेव में काफ़ी घनिष्ठता पाई जाती है। ऐसे में अगर कोई जातक हनुमानजी को प्रसन्न कर लेता है तो शनिदेव की टेढ़ी नज़र से वह व्यक्ति स्वतः बच जाता है।

Hanumanji

सरसों का तेल…

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शनि ग्रह दूषित हो और काम बिगड़ रहे हों तो एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपनी छाया देखकर उसे शनिवार के दिन शाम को शनि देव के मंदिर में रख आएं। इसके अलावा आप अलग से शनि देव को तेल चढ़ा भी सकते हैं। इस उपाय से आपके ऊपर शनिदेव की कृपा सदैव बनी रहेगी।

तिल का तेल…

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बता दें कि ज्योतिष के अनुसार लगातार 41 दिन तक पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक लगाने से असाध्य रोगों में बहुत लाभ मिलता है और रोगी स्वस्थ हो जाता है। भिन्न-भिन्न साधनाओं व सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए भी पीपल के नीचे दीपक प्रज्वलित किए जाने का विधान है।

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वहीं हम आपको बता दें कि सरसों के तेल का सेवन सेहत के लिए तो अच्‍छा होता ही है, इसके अलावा ज्‍योतिष में भी इसका विशेष महत्‍व है। यदि जातक किसी शारीरिक कष्ट से परेशान हो तो उसे शनिवार को सवा किलो आलू और बैंगन की सब्जी सरसों के तेल में बनाकर, साथ में सवा किलो आटे की पूरियां सरसों के तेल में बनाकर अंधे, लंगड़े व गरीब लोगों को भोजन कराना चाहिए। यह उपाय कम से कम 3 शनिवार तक करें। इससे शारीरिक कष्ट दूर हो जाता है। इसके अलावा धन प्राप्ति के लिए सरसों के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। इससे संकट दूर होंगे और धन भी मिलेगा। वहीं खुशहाल पारिवारिक जीवन के लिए किसी भी आश्रम में आटा और सरसों का तेल दान करें। इससे आपके पारिवारिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आएगी। इन सबके अलावा अगर हम सरसों के तेल में सिंके गेहूं के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूए, सात मदार (आक) के फूल, सिन्दूर, आटे से तैयार सरसों के तेल का दीपक, पत्तल या अरंडी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात में किसी चौराहे पर रखकर कहें कि, “हे मेरे दुर्भाग्य, तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूं, कृपा करके मेरा पीछा ना करना।” तो भी घर में सुख-समृद्धि आती है। बशर्ते कि सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।

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वहीं अगर आपके व्यापार या नौकरी में मंदी का दौर चल रहा है तो आप किसी साफ शीशी में सरसों का तेल भरकर उस शीशी को किसी तालाब या बहती नदी के जल में डाल दें। शीघ्र ही मंदी का असर दूर हो जाएगा और व्यापार या नौकरी में उन्नति मिलेगी।

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