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1971 की लड़ाई में गिद्ध ने पहले ही दे दिए थे पाकिस्तान की हार के संकेत, जानें क्या है पूरा मामला!

आज हम आपको पाकिस्तान और बांग्लादेश की लड़ाई का एक बहुत ही मजेदार वाकया बताने जा रहे हैं। इस लड़ाई में भारत की मदद के बाद पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे। दरअसल बात 1971 की है। बांग्लादेश मुक्ति आन्दोलन के समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल याहया खान के साथ एक मजेदार वाकया, हुआ, जिससे पहले ही यह पता चल गया कि इस लड़ाई में पाकिस्तान की बुरी हार होने वाली है।

एक गिद्ध ने पाकिस्तान की हार के संकेत पहले ही दे दिए थे। जी हां आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं, एक गिद्ध ने। यह बात 3 दिसम्बर 1971 के दिन, दोपहर के समय की है। जनरल याहया खान ने एडीसी स्क्वार्डन लीडर अरशद समी खान से यह कहा कि शाम को चार बजे जनरल हमीद राष्ट्रपति भवन आयेंगे। उनके आने के बाद हम लोग एक गुप्त मीटिंग में जायेंगे, हालांकि इसके बारे में मैं तुम्हें भी नहीं बताने वाला हूं।

 डंडे से भगाने पर भी नहीं हटा गिद्ध:

शाम को 4 बजे राष्ट्रपति भवन में जनरल हमीद अपनी टोयोटा मिलट्री जीप चलाते हुए पहुंचे। उनका एडीसी उनकी बगल वाली सीट पर बैठा हुआ था। जैसे ही कार रुकी एडीसी सामने से उतरकर पीछे वाली सीट पर बैठ गया। आगे की सीट पर जनरल याहया खान बैठे और जनरल हमीद बने ड्राइवर। जैसे ही कार चलने को हुई कहीं से एक बड़ा सा गिद्ध आ गया। गिद्ध आकर जीप के आगे बोनट पर बैठ गया।

जनरल हमीद ने गिद्ध को भगाने के लिए जीप को धीरे-धीरे बढ़ाना शुरू कर दिया। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ और गिद्ध जीप की बोनट पर बैठा ही रहा। इसके बाद गिद्ध को हटाने के लिए जनरल हमीद ने हॉर्न भी बजाया, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ। जनरल याहया गुस्से से जीप से उतरे और अपने डंडे से गिद्ध को भगाने की कोशिश करने लगे, लेकिन गिद्ध वहां से हटा नहीं। इतना सबकुछ होने के बाद जब गिद्ध वहां से नहीं हटा तो पास में काम करने वाला एक माली, वहां आया और अपने फावड़े से गिद्ध को हटाने की कोशिश करने लगा। काफी मेहनत के बाद वहां से गिद्ध हट पाया, इसके बाद जीप आगे बढ़ी।

बुरी तरह से हार गया पाकिस्तान और हो गए दो टुकड़े:

याहया खान को यह बिल्कुल भी भरोसा नहीं था की पूर्वी पाकिस्तान के मामले में भारत हस्तक्षेप कर सकता है। उस समय के पाकिस्तानी सेना के जनरल यही समझते थे कि गैर लड़ाकू बंगालियों को बड़ी आसानी से हराया जा सकता है। लेकिन भारत के दखल के बाद पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा और पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया। गिद्ध ने पहले ही यह संकेत दे दिया था कि जब पाकिस्तानी एक गिद्ध को नहीं हटा पा रहे हैं तो भारतीय सेना से मुकबला कैसे करेंगे।

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