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लॉकडाउन में काम ठप्प पड़ा तो करने लगे खेती, बिजली गिरने से हुई मौत, 8 साल की बच्ची रह गई अकेली

बादल में बिजली के कड़कने की आवाज आप सभी ने जरूर सुनी होगी। आप में से कुछ ने ये बिजली गिरते हुए देखी भी होगी। ये बिजली यदि किसी के ऊपर गिर जाए तो पालभर में उसकी जान तक जा सकती है। इस समय देश के कई हिस्सों में मौसम बदल रहा है। ऐसे में बिजली के कड़कने और गिरने के केस ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। आज हम आपको आकाशीय बिजली गिरने और उससे तबाह हुए परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं। इसमें एक मामला तो इतना दुखद है कि आपकी आंखें भी नम हो जाएगी।

जब 10 साल के बच्चे पर गिरी बिजली

बीते मंगलवार झारखंड के दुमका में आकाशीय बिजली गिरने के चलते 5 लोगों का निधन हो गया। दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो के अनुसार आकाशीय बिजली गिरने की एक दिल दहला देने वाली घटना जिले के मसलिया थाना क्षेत्र के कुंजबोना गांव में हुई। यहां 10 साल का शिवशंकर मुर्मू नामक एक बच्चा शाम को अपने दोस्तों संग टहलते हुए आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौत हो गई बल्कि बाकी के दो दोस्त बेहोश हो गए।

10 year old boy death

घर के आँगन में आई मौत

वज्रपात का दूसरा मामला जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र के कौड़िया गांव का है। यहां 28 साल का प्रवीण किस्कू अपने घर के आंगन में बैठा था। तभी उसके ऊपर आकाशीय बिजली गिर गई और उसकी मौत हो गई। इस घटना से उसक बीवी कुछ समय के लिए बेहोश हो गई। मृतकों के परिजनों को चार लाख का मुआवजा मिलेगा।

क्रिकेट खेल रहे थे, बिजली ने ले लिया चपेट में

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वज्रपात की तीसरी घटना रामगढ़ के मांडू ब्लॉक में गोसी गांव में दोपहर को उस समय हुई जब तीन युवक 16 वर्षीय अभिषेक कुमार, 19 वर्षीय गौतम कुमार एवं 19 वर्षीय आलोक संघु इलाके में दोस्तों संग क्रिकेट खेल रहे थे। आकाशीय बिजली गिरने से तीनों की मौत हो गई।

माता पिता पर गिरी बिजली, 8 साल की बच्ची हुई अनाथ

पश्चिम बंगाल के हुंगली जिले के बालपुर गांव में सोमवार को वज्रपात की घटना ने एक 8 साल की बच्ची को अनाथ कर दिया। इस बच्ची के माता पिता खेत में काम काम कर रहे थे। तभी उनके ऊपर बिजली गिरी और उनका देहांत हो गया। मृतक की पहचान 43 वर्षीय हेमंता गुच्चैत और 23 वर्षीय मालबिका के रूप में हुई है। मालबिका के पिता जायदेव मैती बताते हैं कि बेटी का सपना था कि दामाद का स्टूडियो खूब तरक्की करे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से काम बंद हुआ तो वे खेती पर ध्यान देने लगें। लेकिन ऐसा करना उनकी जान का दुश्मन बन गया। अब दोनों की मौत के बाद घर में सिर्फ 8 साल की बच्ची रह गई है।

बताते चलें कि सोमवार को ही पूरे पश्चिम बंगाल में आकाशीय बिजली गिरने से 26 लोगों की मौत हो गई। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में मारे लोगों के रिश्तेदारों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं झारखंड में मंगलवार को 5 मौतें बिजली गिरने से हुई। इस तरह इस वज्रपात की घटना ने महज दो दिन में 31 जाने ले ली। इसलिए मौसम के खराब होने पर आप अपने घर में ही रहिए।

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