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बढ़ सकती है ममता के मुख्य सचिव की मुश्किलें, केंद्र सरकार ले सकती है ये एक्शन

बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंधोपाध्याय को आज सुबह 10 बजे तक दिल्ली तलब करने को कहा गया था। लेकिन इन्होंने केंद्र सरकार के आदेश की अनदेखा की और दिल्ली नहीं पहुंचे। जिसके बाद अब केंद्र सरकार इन पर अनुशासनात्मक कारवाई करने की तैयारी में है। दरअसल केंद्र सरकार ने इन्हें सोमवार को 10 बजे नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने का आदेश दिया था। लेकिन दिल्ली आने की जगह ये हावड़ा की नाबन्ना बिल्डिंग पहुंच गए। यहां पर ये कोविड रिलीफ से जुड़ी एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।

alapan bandyopadhyay

आपको बता दें कि बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र सरकार ने तीन महीने का सेवा विस्तार (एक्सटेन्शन) दिया हुआ है। राज्य सरकार के कहने पर ही केंद्र सरकार ने एक्सटेन्शन इन्हें दिया है। दरअसल कोविड-19 के प्रबंधन के चलते इन्हें 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था। लेकिन दिल्ली न आने पर अब इनके खिलाफ केंद्र सरकार कोई सख्त कार्रवाई कर सकती है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार इनका एक्सटेन्शन तक रद्द कर सकती है।

गौरतलब है कि चक्रवात यास के रिव्यू के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में एक मीटिंग बुलाई थी। जिसमें अलापन बंद्योपाध्याय भी ममता के साथ लेट पहुंचते थे। इसके बाद शाम को ही इन्हें दिल्ली बुलाने के आदेश जारी हो गए थे। लेकिन ये दिल्ली नहीं पहुंचे। बंगाल सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि उन्हें रिलीव करना राज्य सरकार के अधिकार में आता है। ऐसे में ममता उन्हें दिल्ली भेजने से इनकार किया है।

mamta banerjee

इसी बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भेजे लिखा है। जिसमें इन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं। ये एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला है। ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है। ममता बनर्जी ने पत्र में आगे कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद मुख्य सचिव का कार्यकाल एक जून से अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने का आदेश दिया था। उसे ही प्रभावी माना जाए।

pm modi

अब क्या होगा केंद्र सरकार का अगल कदम

आल इंडिया सर्विस रूल 6 (1) के मुताबिक किसी भी अधिकारी को सेंट्रल डेपुटेशन के लिए राज्य की सहमति लेनी जरूरी है। सविधान के तहत अलपन बंदोपाध्याय के मामले में केंद्र के पास करवाई के लिए नीचे बताए गए विकल्प हैं।

  • केंद्र अलपन बंदोपाध्याय के तीन महीने के सर्विस एक्सटेंशन को रद्द कर सकता है।
  • केंद्र उन्हें एक बार फिर से बुला सकता है।
  • अलपन बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है।

अरविंद केजरीवाल की भी आई प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया भी आई है। इन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ये समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं, सबके साथ मिलकर कोरोना से लड़ने का है। ये समय राज्य सरकारों की मदद करने का है। ये समय राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने का है। सभी राज्य सरकारों को एकसाथ लेकर टीम इंडिया बनकर काम करने का है। लड़ाई-झगड़े और राजनीति के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है।

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