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उम्र 14 वर्ष, पूरे किए 11 कंप्यूटर कोर्स। अल्फ़्रेड यूनिवर्सिटी से मिला न्यौता, जानिए पूरी कहानी

14 साल की उम्र में बड़ा कमाल, वैज्ञानिक बनने का है सपना...

यह कहावत तो हमने कई बार सुनी होगी कि, “होनहार बिरवान के होत चीकने पात” अर्थात होनहार बालक की छवि पलने में ही दिख जाती है। वहीं से समझ में आने लगता है कि यह बालक आगे चलकर कुछ अच्छे कार्य करेगा। नाम रोशन करेगा और हमेशा प्रगति की राह पर बढ़ता जाएगा। कुछ ऐसा ही आदर्श अरोरा में है। जी हां बता दें कि मात्र 14 वर्ष की उम्र में ही इस होनहार बालक को न्यूयार्क की अल्फ्रेड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने का ऑफर मिला है। जब अधिकांश बच्चें देश के भीतर ही नामी-गिरामी विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए धक्के खाते फ़िरते है। ऐसे में मात्र 14 वर्ष की उम्र के किसी बच्चे को विश्व स्तर की यूनिवर्सिटी स्वयं पढ़ाई के लिए न्यौता दे रही। फ़िर एक बात तो स्पष्ट है, कि बच्चें में कुछ ख़ास तो होगा ही। आइए जानते हैं कौन है आदर्श अरोरा और क्यों उन्हें न्यूयार्क की अल्फ़्रेड यूनिवर्सिटी बुला रही है पढ़ने के लिए…

adarsh arora

कहते हैं न कि हौसलें बुलंद हो तो कोई काम नामुमकिन नहीं होता। इसे सच कर दिखाया है मेरठ के एक गांव के रहने वाले बिल्डर के बेटे ने। 14 वर्ष की उम्र में कंप्यूटर साइंस के 11 कोर्स ऑनलाइन या ऑफ़लाइन पूरे किए हैं इस लड़के ने। जिस कोर्स को पूरे करने में सामान्यतः 24 साल की उम्र हो जाएं। उसे किशोर ने अपनी लगन और सूझबूझ के साथ 11 वर्ष की उम्र में ही पूरा कर लिया है। किशोर की इसी प्रतिभा और लगन को देखते हुए न्यूयार्क की अल्फ़्रेड यूनिवर्सिटी ने उसे ग्रेजुएशन करने का ऑफर दिया है।

गौरतलब हो कि मेरठ के सकौती गांव निवासी गोपाल अरोरा जो वर्तमान में गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहते हैं। उनके परिवार में पत्नी कविता सहित बेटा आदर्श व बेटी आन्या है। उनके मुताबिक बेटा 9वीं कक्षा में गया है। जब वह कक्षा छठी में था तो उसने रोबोटिक्स के कोर्स में दाख़िला लिया था। उसी दौरान बेटे आदर्श के मन में प्रोग्रामिंग का कोर्स करने की लालसा उठी। जिसके बाद आदर्श ने ऑफलाइन कोर्स करने के लिए इंस्टिट्यूट व ऑनलाइन कोर्स करने के लिए अमेरिका की यूनिवर्सिटी को नेट पर तलाशा और उसे सफलता भी मिली। आदर्श ने बताया कि, “वह अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला चाहता है, लेकिन स्टैनफ़ोर्ड ने उम्र कम होने का हवाला देकर दाख़िला देने से इंकार कर दिया।”

alfred university

वैज्ञानिक बनने का सपना रखता है आदर्श…

जैसा कि नाम आदर्श है वैसे ही वैज्ञानिक बनकर आदर्श समाज के लिए “आदर्श” स्थापित करना चाहता है। 14 वर्ष की उम्र में क़ामयाबी के बाद न्यूयार्क सिटी स्थित अल्फ़्रेड यूनिवर्सिटी ने आदर्श को प्रतिवर्ष जोनाथन एलन स्कालरशिप के तहत 21 हज़ार डॉलर देकर ग्रेजुएशन करने का ऑफर दिया है, लेकिन आदर्श ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। बता दें कि आदर्श का कहना है कि वह इस यूनिवर्सिटी से न्यूरल नेटवर्क पर मशीन लर्निंग इंजीनियरिंग का कोर्स करेगा। उसका सपना है कि वह वैज्ञानिक बनें। वहीं छात्र ने इतने कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता प्राप्त करने का श्रेय अपने पिता और शिक्षकों को दिया है।

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युवा सहपाठी बुलाते हैं “गुरुजी” के नाम से…

आदर्श ने कंप्यूटर साइंस के लिए लैंग्वेज सी का कोर्स करने के लिए नोयडा में कई इंस्टीट्यूट में जाकर बात की, लेकिन चार इंस्टीट्यूट ने उसकी उम्र कम बताई। एचटीएस इंस्टीट्यूट ने आदर्श के हौसलें को देख उसे दाखिला दिया। जिस कोर्स के लिए आदर्श ने एडमिशन लिया उसे अधिकांश बच्चे बीटेक के बाद करते हैं। जिसके बाद उनके सहपाठी उन्हें “गुरुजी” के नाम से पुकारने लगें। आदर्श ने लैंग्वेज सी, लैंग्वेज सी प्लस, लैंग्वेज कोर जावा, एडवांस जावा कोर्स किए। इसके अलावा कुल-मिलाकर आदर्श ने अब तक 11 कंप्यूटर कोर्स किए हैं।

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