अध्यात्म

आखिर क्यों नहीं लगता कुछ जगहों पर मन? जाते ही होती है वहां से भागने की इच्छा, जानें कारण!

ब्रह्माण्ड की छोटी से छोटी ऊर्जा भी इंसान के जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। इस बात का पता इंसान को जल्दी नहीं चल पाता है। अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ जगहों पर जाते ही वहां से भागने का मन करता है। ऐसा लगता है जैसे उस जगह पर कोई नकारात्मक ऊर्जा है जो आपको बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। वहां जाते ही आपके मन में बुरे-बुरे ख्याल आने लगते हैं।

हर इंसान के अन्दर होती है सकारात्मक उर्जा:

जब आप किसी वास्तु दोष वाले घर में जाते हैं तो आपके साथ ऐसा जरूर होता है। आप घर में घुसे नहीं कि आपका मन विचलित हो उठता है और वहां से भागने का मन करता है। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? दरअसल इंसान के अन्दर सकारात्मक ऊर्जा होती है। जब उसके संपर्क में दूषित और नकारात्मक उर्जा आती है तो उसका मन विचलित हो जाता है।

पवित्र स्थलों पर होता है सकारात्मक ऊर्जा का वास:

जब नकारत्मक ऊर्जा हमारे अन्दर घुसने का प्रयास करती है तो अन्दर की सकारात्मक ऊर्जा हमें उस स्थान से भागने का निर्देश देती है। लेकिन जब आप किसी पवित्र जगह या किसी मंदिर में जाते हैं तो आपका मन करता है कि आप वहां घंटों तक बैठे रहें। ऐसा इसलिए होता है कि उस जगह पर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। मन्त्रों के जाप, घंटनाद, पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

निरंतर बना रहता है सूक्ष्म ऊर्जा का प्रवाह:

जब आप किसी भी जगह जाते हैं तो वहां सूक्ष्म ऊर्जा का निरंतर प्रवाह बना रहता है। यह सभी शरीर के पंचतत्वों की वजह से होता है। इसकी जानकारी आपको वास्तुशास्त्र के माध्यम से हो सकती है, क्योंकि ये वस्तुशास्त्र का हिस्सा है। पूजा स्थल, रसोई घर और बेडरूम कभी भी एक एक साथ या एक कमरे में नहीं बनवाना चाहिए, इससे भी वास्तु दोष होता है।

अगर आप घर बनवाने जा रहे हैं और आपके पास जगह की कमीं है तो आप बनवाते समय वास्तु के नियमों का ध्यान रखते हुए ही बनवाएं। अन्यथा सुखद परिणाम की जगह दुखद परिणाम भुगतने पड़ते हैं। सीढ़ी के नीचे भी रसोई घर बनाना वास्तु दोष माना जाता है। ऐसा करने से बचना चाहिए, वरना घर पर बीमारियां धावा बोल देती हैं। स्त्रियों की सेहत पर इसका सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है।

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