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गाय और हनुमान जी के बाद बन रहा ओसामा बिन लादेन का आधार कार्ड, यह है ओसामा के घर का पता, जानें!

हमारा देश भारत भी बड़ा अजीब देश है। यहां हर समय कुछ चौकाने वाली घटनाएं घटती रहती हैं। कई बार इन घटनाओं के बारे में सुनकर हंसी रुकती ही नहीं है। आपने यह सुना होगा कि मरने के बाद भी किसी व्यक्ति के नाम से पेंशन जारी होती रही। लेकिन आज मैं आपको जिस घटना के बारे में बताने जा रहा हूं, यकीनन इसे सुनकर आप चौंक जायेंगे।

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गाय और हनुमान जी के बाद भारत में अब ओसामा बिन लादेन का आधार कार्ड बन रहा है। जी हां! ओसामा बिन लादेन का आधार कार्ड। ओसामा बिन लादेन को मरे हुए कई साल हो गए हैं और उसका भारत से कोई सम्बन्ध भी नहीं थी। इसके बावजूद उसका आधार कार्ड बन रहा है। ऑपरेटर ओसामा का आधार कार्ड बनाने चल दिया। जब इस घटना की जानकारी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों को हुई तो उन्होंने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।

आधार पर ओसामा का पता था एबटाबाद, भीलवाड़ा:

पुलिस ने बताया कि भीलवाड़ा के रहने वाले सद्दाम मंसूर जो वहीं आधार पंजीकरण केंद्र चलाते हैं, ने कुछ दिनों पहले ओसामा बिन लादेन के नाम पर आधार कार्ड का पंजीकरण करने की कोशिश की थी। डिप्टी एसपी चंचल मिश्रा ने बताया कि ओसामा के पते के रूप में एबटाबाद, भीलवाड़ा दिया गया था। मंसूर ने खूंखार आतंकवादी ओसामा की एक धुंधली फोटो भी आधार के लिए अपलोड कर दी थी।

आवेदन पर नहीं था अंगूठे और आंख का स्कैन:

मंसूर के विवरण अपलोड करने के बाद आधार के सत्यापन विभाग को आवेदक के डेटाबेस में कुछ गड़बड़ी मिली। आईटी विभाग के प्रोग्रामर संजय अदुलिया ने बताया कि आवेदक के नामांकन आवेदन पर ना ही अंगूठे के निशान थे और ना ही आंखों का स्कैन था। नई दिल्ली की हमारी तकनीकि टीम ने इसे संदिग्ध पाया और राजस्थान के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग को इसकी जानकारी दी। इसके बाद तुरंत एफआईआर दर्ज की गयी।

मंसूर खुद को बता रहा है बेकसूर:

अदुलिया की शिकायत के बाद मंडल पुलिस ने आईएसटी अधिनियम के तहत मंसूर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि वह अभी भी आईटी विभाग के दस्तावेज साझा करने का इंतजार कर रहे हैं। इस वजह से अभी तक कोई जांच शुरू नहीं की गयी है। जैसे ही दस्तावेज मिलते हैं, हम जांच शुरू कर देंगे। मंसूर का दावा है कि वह बेकसूर है, जबकि यूजर आईडी मंसूर के नाम पर ही रजिस्टर है। आवेदन बिना मंसूर की मौजूदगी के नहीं हो सकता था।

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