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कुलभूषण को फांसी देकर 18 साल पहले भारत से हुई इस गलती का बदला लेगा पाक!

इस्लामाबाद – भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी के मामले में पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले को मानने से इनकार करने की रणनीति बना रहा है। पाकिस्तानी मीडिया कि रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने कोर्ट के फैसले को न मानने के पीछे दो तर्क दिए हैं। पहला – यह मामला सीधे पाक की नेशनल सिक्युरिटी से जुड़ा है, इसलिए इसमें इंटरनेशनल कोर्ट की बात मंजूर नहीं की जा सकती। दूसरा – भारत और पाकिस्तान कॉमनवेल्थ देश हैं, इसलिए इनके बीच के मामले की सुनवाई इंटरनेशनल कोर्ट में नहीं हो सकती। आपको बता दें कि आईसीजे ने कथित जासूसी के मामले में पाकिस्तान द्वारा जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा पर रोक लगा दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 15 मई को होनी है। Pak not follow decision of icj.

18 साल पहले ‘विमान गिराने’ के मामले को उठायेगा पाक –

पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने शनिवार को एक रिपोर्ट पेश की जिसमें इंटरनेशनल लॉ के एक्सपर्ट के हवाले से कहा गया है कि पाक साल 1999 में अटलांटिक एयरक्राफ्ट को मार गिराने वाले मुद्दे का हवाला देते हुए आईसीजे के सामने अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठा सकता है। दरअसल, भारत ने इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का मानने से इनकार करते हुए तर्क दिया था कि आईसीजे कॉमनवेल्थ देशों के बीच विवादों से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं कर सकता।

यह मामला 10 अगस्त 1999 का है जब भारतीय वायुसेना ने कच्छ में एक पाकिस्तानी समुद्री टोही विमान अटलांटिक को सीमा में घुसकर निरीक्षण करते समय मार गिराया था। इस विमान में 16 पाकिस्तानी नौसैनिक सवार थे जो मारे गए थे। जिसके बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि उनके विमान को उनकी ही सीमा के अंदर मार गिराया गया। इसके लिए पाकिस्तान ने आईसीजे में भारत से हर्जाने के तौर पर 60 मिलीयन डॉलर की भरपाई करने को कहा था।

कुलभूषण की फांसी पर दुनिया भर के सभी देशों की नज़र –

Indian spy given death sentence

पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव को कथित तौर पर रॉ का एंजेट बताकर फांसी की सजा दिये जाने के खिलाफ सुनवाई नीदरलैंड्स के हेग में संयुक्त राष्ट्र के प्रधान न्यायिक अंग आईसीजे के पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में कल होगी। यहां पर इस मामले पर दोनों पक्षों से अपना मत रखने को कहा जाएगा। भारत ने 8 मई को आईसीजे में याचिका दायर किया था।

भारत ने तर्क दिया है कि पाकिस्तान ने दूतावास संपर्क के लिये दिए गए 16 आवेदनों को इंकार कर वियना संधि का उल्लंघन किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने पिछले महीने कुलभूषण को रॉ का जासूस और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद जाधव के परिवार ने उनसे मिलने के लिए वीजा हेतु आवेदन किया था जिसपर भी पाकिस्तान ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

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