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भाजपा की तरह बड़ी सोच रखने की नसीहत कांग्रेस को क्यों दे रहें सलमान ख़ुर्शीद, जानिए

निराशावादी लोगों की कांग्रेस में आवश्यकता नहीं।

कांग्रेस के कद्दावर नेता और मुखर वक्ता सलमान खुर्शीद ने दी कांग्रेस को नसीहत। कहा अगर सफ़ल होना है तो सोच बड़ी करें कांग्रेस। जी हाँ कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार सलमान खुर्शीद ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि, “अगर हमें सफल होना है तो भाजपा की तरह सोच बड़ी करनी होगी। फिर से मजबूत होने की राह में आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले निराशावादी सोच छोड़नी होगी। यह बात दिमाग से निकालनी होगी कि हमारा संगठन छोटा और कमजोर हो गया है, वह खोई ताकत फिर से प्राप्त नहीं कर सकता।”

salman khurshid

इतना ही नहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता ने इस दौरान भाजपा के नाम क़सीदे भी पढ़ें। उन्होंने कहा कि, “मेरा मानना है कि भाजपा ने उन राज्यों जहां वह अस्तित्व में नहीं थी, वहां के लिए उसने बड़ी सोच और बड़ी राजनीति अपनाई। उन्होंने उन राज्यों में जहां उनका अस्तित्व नहीं है वहां कोशिश की।” इतना ही नहीं सलमान खुर्शीद ने कहा अगर भाजपा बड़ी सोच के साथ आगे बढ़ सकती फ़िर कांग्रेस के अंदर निराशा का माहौल क्यों?

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि, “कांग्रेस को ‘निराशावादी सोच’ रखने की जरूरत नहीं है। पार्टी को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसने अपनी ज्यादातर राजनीतिक जमीन खो दी है और वह उसे दोबारा हासिल नहीं कर सकती। मेरा मानना है कि दृढ़इच्छाशक्ति एवं विश्वास के साथ हम इसे दोबारा हासिल कर सकते हैं और ऐसा ही हमें करना चाहिए।” इसके लिए ज़रूरत है तो सिर्फ़ निराशावादी लोगों से कांग्रेस को बचाने की।

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इतना ही नहीं सलमान खुर्शीद ने अपनी बातचीत के दौरान यह बात भी मानी की बंगाल में बेहद चतुराई के साथ मतदान हुआ। जिसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस और वामपंथ का सफ़ाया हो गया। इसके अलावा कांग्रेस नेता खुर्शीद ने कहा कि, ” हमें बंगाल के उन इलाकों में हुई चतुराई पूर्ण मतदान (टैक्टिकल वोटिंग) का विश्लेषण करने की जरूरत है। जहां पर कांग्रेस और वामपंथी गठबंधन पूरी तरह से साफ हो गया। एक विश्लेषक ने माना है कि जिस तरह की टैक्टिकल वोटिंग बंगाल में हुई वैसी असम में नहीं हुई। भविष्य में वोटिंग का अगर यही ट्रेंड बरकरार रहता है, तो हम क्या करेंगे? इसके बारे में हमें अभी से सोचना होगा। हमें अपने सहयोगी दलों के बारे में भी सोचना होगा, जिनके साथ मिलकर हम चुनाव लड़े थे। वैसे देखें तो देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए सलमान खुर्शीद ने बड़ा संदेश दिया है। जिसपर अमल करके कांग्रेस अपनी खोई प्रतिष्ठा कुछ हद तक वापस पा सकती, लेकिन क्या कांग्रेस पार्टी इस नसीहत से कुछ सीख लेंगी यह तो भविष्य के गर्भ मे है, अभी तो कांग्रेस आपदा में अवसर ढूढ़ने में लगी। शायद जिसका खामियाजा बंगाल में पार्टी भुगत चुकी है। फ़िर भी वह चेतन्य अवस्था से कोसों दूर मालूम पड़ती है।

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