अध्यात्म

इस मंदीर में यहां हनुमान जी खुद फोड़ते हैं नारियल, यकीन नहीं तो देख लीजिये

जैसे-जैसे कलियुग बढ़ता जा रहा है लोगों का भगवान से विश्वास ही उठता जा रहा है। लेकिन इस कलियुग में लोग एक शक्ति पर पूरा भरोसा करते हैं। वह हैं हनुमान जी। वह इस बात को मानते हैं कि वह कलियुग में इस धरती पर जिंदा भी है और मौजूद भी हैं।

हनुमान जी की शक्ति और पराक्रम के बारे में कौन नहीं जानता। वह अपने भक्तों पर हमेशा अपनी दयालु कृपा बनाए रखते हैं, और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। आज हम आपको उनके ऐसे चमत्कार के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे और आपको भरोसा हो जाएगा कि धरती पर हनुमान जी की मौजूदगी है।

हनुमानजी खुद फोड़ते है नारियल:

जब हम किसी मंदिर में जाते हैं तो चढ़ावे में नारियल जरूर चढ़ाते हैं, और उस नारियल के दो टुकड़े पुजारी करते हैं। परंतु आज हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वहां पर नारियल के दो टुकड़े पुजारी नहीं बल्कि खुद हनुमानजी करते हैं। हनुमान जी इस मंदिर में नारियल के दो टुकड़े अपने हाथों से करते हैं। एक टुकड़ा भक्तों को प्रसाद के रूप में दे देते हैं, और दूसरा टुकड़ा मंदिर को चढ़ावे के रूप में देते हैं।

चमत्कार नहीं तकनीक:

अब आप सोच रहे होंगे कि हनुमानजी ऐसा कैसे कर सकते हैं। यह सब कैसे होता है। हम आपको बताते हैं कि असल में होता क्या है। हम बात कर रहे हैं गुजरात में अहमदाबाद के सारंगपुर की। वहां हनुमान जी का एक मंदिर स्थित है। जिसकी चर्चा बहुत दूर-दूर तक है, और लोग इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

क्योंकि लोगों को यह लगता है कि हनुमानजी यहां खुद अपने हाथों से नारियल फोड़ते हैं। असल में हनुमान जी की मूर्ति यहां नारियल नहीं तोड़ती है इसके लिए तकनीक बनाई गई है। यह कोई चमत्कार नहीं है। मंदिर के प्रशासन ने मंदिर प्रांगण को साफ-सुथरा रखने के लिए एक अजीब तकनीक बनाई है। उन्होंने हनुमान जी के अंदर ऐसा मशीन फिट कर दी है।

जब हनुमान जी की मूर्ति के अंदर नारियल को डाला जाता है तो मशीन उनको दो टुकड़े में कर देती है, और उसमें से एक टुकड़ा उनके हाथ में आ गिरता है और एक टुकड़ा पीछे से मंदिर के चढ़ावे वाली जगह पर गिरता है। जिसकी वजह से लोगों को यह लगता है कि उनके नारियल के दो टुकड़े खुद हनुमानजी ने किए हैं। हालांकि देखा जाए तो मंदिर को साफ-सुथरा रखने के लिए यह तकनीक वाकई बहुत अच्छी है।

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