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जानिये, आखिर गुस्से में हम क्यों नहीं बात करते है शांति से!

यह बात तो किसी से भी नहीं छुपी हुई है कि गुस्सा इंसान का की अकल को खा जाता है। जब भी किसी इंसान को गुस्सा आता है तो वह सामने वाले से हमेशा ऊंची आवाज में चिल्ला कर बात करता है।

पर क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि लोग गुस्से में हमेशा एक-दूसरे से चिल्लाकर ही क्यों बात करते हैं। इसका जवाब आज हम आपको एक छोटी सी कहानी के द्वारा बताएंगे।

गुस्से में चिल्लाना दिलों की दूरियों को बयान करता है गुस्सा:

एक समय की बात है एक संत अपने कुछ शिष्यों के साथ एक तट पर स्नान करने जा रहा थे। वहीं पर उसने किनारे पर दो परिवारों को देखा जो एक दूसरे से चिल्लाकर गुस्से में बात कर रहे थे। तभी संत ने अपने शिष्यों की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए यह सवाल पूछा कि आखिर में लोग गुस्से में चिल्ला कर ही क्यों बात करते हैं।

संत का इस तरह का सवाल सुनकर सभी शिष्य सोचने लगे कि आख़िर में ऐसा क्यों होता है? तभी एक शिष्य ने जवाब दिया कि जब मानसिक शांति भंग हो जाती है तब हम गुस्से में आ जाते हैं। जिसकी वजह से हम एक दूसरे से चिल्लाकर बात करते हैं।

फिर दूसरा सवाल यह था कि जब इंसान आप के बगल में ही है तो चिल्ला कर क्यों बात करना। आराम से बात करी जा सकती हैं।
जब इन सब का जवाब कोई भी शिष्य नहीं दे पाया। तो संत ने कहा, कि जब दो लोग एक दूसरे से गुस्सा होते हैं तो वो एक दूसरे पर इसलिए चिल्लाते हैं क्योंकि उनके दिलों के बीच में दूरियां आ जाती है। वह चाहते हैं कि वह अपनी बात सामने वाले तक पहुंचा सके। इसलिए जो सबसे ज्यादा गुस्सा रहता है वह उतना ही तेज चलाता है। ताकि सामने वाले तक वह अपनी बात पहुंचा सके। उसका गुस्से होने का कारण उन दोनों के बीच के दिलों में दूरियां होती है।

संत ने अपनी बात को जारी रखते हुए यह भी बताया कि जो लोग एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं। उन्हें शब्दों की जरूरत नहीं होती है। बिना कहे ही एक दूसरे की जरूरत और एक दूसरे की बात को समझ लेते हैं। कि सामने वाला क्या चाहता है।

ऐसे में अगर उन दोनों के बीच में गलतफेमि आ भी जाती है। तो वह एक दूसरे से शांति से और नरम होकर बात करते हैं। और एक दूसरे की बातों को समझते हैं और सुनते भी हैं।

संत ने कहा कि वैसे तो हमें गुस्से पर काबू करना आना चाहिए। गुस्से में कभी भी किसी को अपशब्द न बोलें। क्योंकि अगर आज आपने अपशब्द बोल दिया और कल आपको उसका पछतावा होता है। तो ऐसा ना हो कि आप सामने वाले के पास लौट कर जाना तो चाहते हैं परंतु लौट नहीं सकते। क्योंकि आपने ऐसे शब्द बोले जिसकी वजह से वह उसे जिंदगी भर नहीं भूल सकता और वह शब्द उसके दिल में बस गए। इसलिए गुस्सा करना गलत नहीं है परंतु गुस्से में आप क्या बोल रहे हैं उसका कंट्रोल करना बहुत ही जरुरी है।

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